लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों का बिगुल बजते ही बीजेपी नेताओं ने ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू कर दी है। बीजेपी का टिकट मिलते ही लोनी सीट से मौजूदा विधायक नंद किशोर ने एक ऐसा नारा दिया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस थमा दिया है। नंदकिशोर को जवाब देने के लिए तीन दिन की मोहलत दी गई है। 

शनिवार को बीजेपी ने अपने 107 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया। इसमें लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी के मौजूदा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का भी टिकट फाइनल हो गया। अपनी उम्मीदवारी का एलान होते ही बीजेपी विधायक ने नारा दिया, नो अली, नो बाहुबली लोनी में सिर्फ बजरंग बली। 

नंदकिशोर के इस बयान पर बवाल मचने के बाद चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता को नोटिस थमा दिया है। नंद किशोर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है। हालांकि इस मसले पर शब्दों का खेल करते हुए बीजेपी नेता की तरफ से स्पष्टीकरण आया है। 

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बीजेपी नेता ने कहा कि उनके नारे में अली शब्द का मतलब मोहम्मद अली जिन्ना था। जिसने इस देश का बंटवारा किया। वहीं नंदकिशोर ने कहा कि बाहुबली को लेकर चुनाव आयोग का भी स्पष्ट निर्देश है कि उन्हें टिकट नहीं मिलना चाहिए। जबकि बजरंग बली मेरी आस्था का विषय हैं।