नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करने और अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने वाले पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को झटका लगा है। सर्वोच्च अदालत ने परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर के आरोपों को गंभीर माना है लेकिन कोर्ट ने परमबीर के वकील मुकुल रोहतगी को पहले बॉम्बे हाई कोर्ट जाने की नसीहत दी है। 

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आज सुनवाई के दौरान परमबीर का पक्ष रहे मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि इस मामले पर जल्द सुनवाई होने की ज़रूरत है। क्योंकि सुनवाई में देरी होने के कारण सबूत मिटाए जाने की आशंका है। कोर्ट ने रोहतगी की इस दलील से सहमति ज़रूर जताई लेकिन अदालत का यही कहना था कि इस मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख करना सही नहीं है। इसलिए इस मामले को पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ले जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद रोहतगी ने कहा कि अगर बॉम्बे हाई कोर्ट कल ही सुनवाई के लिए राज़ी हो जाए तो हम बॉम्बे हाई कोर्ट चले जाएंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ये आवेदन देते हैं तो हाई कोर्ट देखे कि मामले की सुनवाई कब हो सकती है।  

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कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस कौल ने मामले में गृह मंत्री अनिल देशमुख को पक्ष न बनाए जाने पर भी रोहतगी से सवाल किया। इस पर रोहतगी ने कहा कि अभी काग़जी कार्यवाही चल रही है। जल्द ही अनिल देधमुख को इस मामले में पक्ष बना दिया जाएगा।  

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पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह का होमगार्ड विभाग में तबादला किया गया है। होम गार्ड विभाग में तबादले के बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे को पैसे की उगाही देने के आरोप लगाए। इसके बाद परमबीर सिंह सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए। परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में अनिल देशमुख के ऊपर सीबीआई जांच कराने की मांग की। साथ ही परमबीर ने याचिका में अपना ट्रांसफर रुकवाने की मांग की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इंकार करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट जाने के लिए कह दिया।