नई दिल्ली। प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड के बाद केंद्र सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान बनाने का मन बनाया है। गृह मंत्रलाय जल्द ही पत्रकारों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करेगा ताकि मीडिया कवरेज के दौरान पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके तहत सुरक्षा संबंधी ऐसे प्रावधान बनाए जाएंगे जिनका पालन सभी को करना होगा।

शनिवार को प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले हमलवार मीडिया के बीच में घुस गए थे। वह पत्रकारों का भेस धरकर ही आए थे और मौका मिलने पर उन्होंने अतीक अहमद और अशरफ को गोलियों से भून दिया। उस दौरान मौके पर अन्य मीडियाकर्मी भी मौजूद थे लेकिन किसी को गोली नहीं लगी। 

अतीक अहमद हत्याकांड में अभी तक दो बड़े खुलासे हुए हैं। पहला यह कि यूपी पुलिस ने अस्पताल को अतीक अहमद और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाए जाने के सूचना बहुत देर से दी थी। अस्पताल की चीफ मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि अशरफ और अतीक को अस्पताल लाए जाने की सूचना बीस मिनट पहले ही मिली थी। 

इसके अलावा अतीक अहमद और अशरफ पर हमला करने वाले लवलेश तिवारी को मौके पर ही गोली लग गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक लवलेश को यूपी पुलिस की जवाबी फायरिंग के दौरान गोली लगी थी। हालांकि तीनों हमलवारों ने मौके पर ही सरेंडर कर दिया था और लवलेश तिवारी की मौजूदा स्थिति के बारे में भी अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। उसे प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

दूसरी तरफ उमेश पाल हत्याकांड मामले में एक अन्य आरोपी गुड्डू मुस्लिम के नासिक में गिरफ्तार किए जाने की खबर आई थी। हालांकि बाद में नासिक पुलिस ने इस सूचना को पूरी तरह से निराधार करार दिया। गुड्डू मुस्लिम वही व्यक्ति है जिसका नाम लेते ही अशरफ को गोलियों से भून दिया गया। अशरफ गुड्डू मुस्लिम के बारे में क्या बताना चाहता था यह राज़ भी उसी के साथ दफ़न हो गया।