होशियारपुर। अपने मन की बात न करो, किसानों की सुनो...यह उस सुसाइड नोट की आखिरी लाइन है जो पंजाब के किसान कृपाल सिंह ने अपनी जान देने से पहले लिखा था। कृपाल सिंह के पिता जगतार सिंह ने भी बेटे के साथ ही जहर पीकर जान दे दी है। किसान पिता-पुत्र ने सुसाइड नोट में केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का विरोध किया है।

जानकारी के अनुसार, होशियारपुर के दसूहा के गांव मुहद्दीपुर में 70 वर्षीय जगतार सिंह और उसके 45 वर्षीय किसान बेटे ने शुक्रवार की रात जहर पीकर आत्महत्या कर ली। मृतकों पर काफी कर्ज था। जगतार सिंह की बहन सुखविंदर बाजवा ने बताया कि उनके भाई और भतीजे रात को खाना खाने के बाद सोने गए थे। सुबह उनके घर दूध लेने के लिए लोग आए। जब काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो लोगों ने सूचना दी। सुखविंदर ने जब मकान के पीछे से जाकर देखा तो पिता पुत्र के शव अलग-अलग पड़े हुए मिले।

घटनास्थल पर किसान पिता और पुत्र दोनों के अलग-अलग सुसाइड नोट भी बरामद हुए हैं जिसमें दोनों ने अपनी लाचारी का जिक्र किया है। कृपाल सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा कि मोदी सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर धक्के खा रहे हैं। सरकार किसानों को बर्बाद कर रही है, इसलिए मैं खुदकुशी कर रहा हूं। उन्होंने पंजाब सरकार की तरफ से अपना कर्ज़ माफ नहीं किए जाने पर भी निराशा जाहिर की है। जगतार सिंह ने भी आत्महत्या के लिए कर्ज और कृषि कानूनों को जिम्मेदार बताया है।

किसान पिता-पुत्र की खुदकुशी से पूरे गांव में शोक का माहौल है। गांव वालों के मुताबिक जगतार सिंह धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और कृपाल बेहद मेहनती किसान था। दोनों बाप-बेटे दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर चिंतित रहते थे। कृपाल तो 15 दिन तक दिल्ली के धरने में रहकर भी आया था जबकि पिता जगतार सिंह गांव के लोगों को हमेशा दिल्ली धरने में जाने के लिए प्रेरित करते रहते थे। 19 फरवरी की रात जब दोनों बाप-बेटे ने जहर पी लिया, तब उनके घर पर कोई नहीं था।