नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली द्वारा नौकरी को लेकर जारी एक विज्ञापन ने देशभर में संस्थान की किरकिरी करवा दी। सिक्योरिटी ऑफिसर के तहत निकाली गई डॉग हैंडलर की नौकरी के लिए बीए, बीएससी, बीकॉम, बी-टेक या इसके समकक्ष की योग्यता मांगी गई थी। इस विज्ञापन ने सोशल मीडिया पर इतना हंगामा खड़ा कर दिया कि आईआईटी दिल्ली को सफाई देनी पड़ी। इतना ही नहीं आईआईटी प्रशासन को आनन-फानन में इस विज्ञापन को भी रद्द करना पड़ा। प्रशासन ने कहा है कि आवश्यक सुधार करने के बाद इस विज्ञापन को दोबारा जारी किया जाएगा।



आईआईटी दिल्ली परिसर में आवारा कुत्तों की समस्या आम है। इसी के लिए प्रशासन ने हाल ही में एक डॉग हैंडलर के पद के लिए विज्ञापन निकाला। इस विज्ञापन में कहा गया कि परिसर में एक कुत्ता संभालने वाले व्यक्ति कि आवश्यकता है। इस पद के लिए संविदा आधारित नौकरी होगी वहीं चयनित अभ्यर्थी को कुत्तों को वैक्सीन लगवाने से लेकर खाना-खिलाने की जिम्मेदारी होगी।





क्यों हुआ बवाल?



आईआईटी दिल्ली के इस विज्ञापन को लेकर संस्थान की जमकर फजीहत हुई। इस फजीहत का मुख्य कारण इस पद के लिए अभ्यर्थी का वांछित योग्यता था। दरअसल, संस्थान ने कहा था कि इसके लिए बीए, बीएससी, बीकॉम, बी-टेक या इसके समकक्ष की योग्यता होनी चाहिए। साथ में अभ्यर्थी के पास चार-पहिया वाहन होना अनिवार्य है ताकि उससे कुत्तों को डॉक्टर के पास ले जाया जा सके। इसके लिए उम्र 21 साल से लेकर 35 साल तक रखी गई थी साथ ही वेतन 45 हजार रुपए प्रतिमाह देने का जिक्र था।



बी-टेक करने के बाद देश का युवा कुत्ता पकड़ेगा?



कोरोना संकट के इस दौर में जहां देशभर में कंपनियां डूब रही है, करोड़ों लोगों के पास रोजगार नहीं है, प्रतिदिन देश के शिक्षित युवा केंद्र सरकार से रोजगार मांग रहे हैं और विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में आईआईटी द्वारा कुत्ता संभालने वाले के लिए 45 हजार रुपए का नौकरी किसी के गले नहीं उतरी। लोगों को इसके लिए वांछित योग्यता को लेकर भी आपत्ति थी। लोगों का कहना था कि अब क्या बी-टेक करने के बाद देश का युवा कुत्ता पकड़ेगा। आईआईटी दिल्ली का यह विज्ञापन देखते ही देखते सोशल मीडिया की सुर्खियों में आ गया। लोगों ने इसे साझा करते हुए आईआईटी प्रशासन और केंद्र सरकार पर जमकर तंज कसा।





प्रशासन को देनी पड़ी सफाई



सोशल मीडिया पर जबरदस्त फजीहत और किरकिरी होने के बाद संस्थान के डायरेक्टर रामगोपाल राव को खुद ट्वीट कर इस विवाद पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा, 'दोस्तों यब एक मिस्टेक था। मैने जांच की। आप खुद अगर जॉब डिस्क्रिप्शन देखेंगे तो पता चलेगा कि वे इसके लिए बैचलर्स इन वेटनरी साइंसेज डिग्री धारकों की तलाश कर रहे थे। गलती से बी-टेक व अन्य डिग्रियां दूसरे विज्ञापन से कॉपी होकर छप गई। इंसान से गलतियां होती है, इसे अब छोड़ देते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पद के लिए दिल्ली पुलिस 20 हजार रुपए तनख्वाह देती है।