नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य कर्मियों पर बुरी तरह से कहर ढाया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया है कि कोरोना की दूसरी लहर के चपेट में आकर अबतक 244 डॉक्टरों में अपनी जानें गंवाई है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 50 डॉक्टरों की मौत एक ही दिन में हो गई। आईएमए के मुताबिक रविवार को देश के 50 डॉक्टरों ने कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी। एक दिन में डॉक्टरों की मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है।

मेडिकल एसोसिएशन ने बताया है कि कोरोना के खिलाफ जंग हारने वालों में सबसे कम उम्र के डॉक्टर अनस मुजाहिद हैं। अनस मुजाहिद ने 26 साल की आयु में ही दुनिया को अलविदा कह दिया। वे राजधानी दिल्ली स्थित कोविड-19 डेडिकेटेड गुरु तेग बहादुर अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे। हैरानी की बात यह है कि मुजाहिद कोरोना संक्रमित होने के 24 घंटे भीतर मौत के मुंह में चले गए।

मुजाहिद को कोरोना के गंभीर लक्षण भी नहीं थी, बल्कि उन्हें महज गले मे खराश की शिकायत थी। वह पूर्व से भी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थे। बताया जा रहा है कि अचानक कोरोना वायरस उनके ऊपर हावी हो गया और उनकी मौत हो गई। मुजाहिद ने कोरोना वैक्सीन नहीं लिया था। 

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करीब एक हफ्ते पहले दम तोड़ने वाले मुजाहिद के साथी डॉक्टर आमिर सोहैल भी कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत से जूझ रहे हैं। सोहैल ने बताया कि उनके साथ काम करने वाले कई डॉक्टरों ने वैक्सीन नहीं ली है, चूंकि कोरोना वॉरियर्स के लिए वैक्सीन लेने की प्रक्रिया बेहद लंबी है और उन्हें अपने सीनियर्स से परमिशन लेना होता है और सीनियर्स के हस्ताक्षर के बाद ही टीका मिलता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया है कि पिछले साल कोरोना महामारी के पहली लहर के दौरान देश ने अपने 736 डॉक्टरों को खोया था। अबतक का कुल आंकड़ों को देखा जाए तो देश के करीब 980 डॉक्टर्स कोरोना मरीजों की सेवा करते-करते अपनी जान गंवा बैठे हैं। आईएमए के मुताबिक इन सब के बावजूद अबतक 34 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को टीका नहीं लगाया जा सका है।