खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। खंडवा जिला प्रशासन पर AI से बनी तस्वीरों का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय जल संरक्षण पुरस्कार जीतने का आरोप लगा है। हालांकि, जिले के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
दरअसल, केंद्र के 'जल संचय, जन भागीदारी' अभियान के तहत जल संरक्षण में बेहतरीन काम के लिए खंडवा जिले को देश भर में पहला स्थान मिला है। नवंबर में नई दिल्ली में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में इसे 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला। खंडवा जिले की कावेश्वर पंचायत ने भी समारोह में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत श्रेणी में दूसरा पुरस्कार जीता।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि AI से तस्वीर बनाकर ये अवार्ड ली गई है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, 'जहां बीजेपी सरकार को हमारे बच्चों को AI का सही इस्तेमाल सिखाना चाहिए, वहीं वह खुद AI का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचार कर रही है। खंडवा में बीजेपी सरकार के अधिकारियों ने दो फुट गहरे गड्ढों को AI का इस्तेमाल करके कुएं बना दिया और इलाके में अलग-अलग विकास कार्यों की AI से बनी तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड कर दी।'
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इन तस्वीरों के आधार पर उन्होंने माननीय राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया। जब जमीनी हकीकत सामने आई, तो वहां खेत और खाली मैदान पाए गए। उन्होंने कहा, 'साफ है कि यह जल संरक्षण नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से बनी तस्वीरों का खेल था। बीजेपी शासन में भ्रष्टाचार भी स्मार्ट हो गया है।'
राष्ट्रीय जल पुरस्कार से जुड़े आरोपों पर विवाद बढ़ने के बाद खंडवा प्रशासन ने स्पष्टीकरण जारी किया है। जिला पंचायत मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नागार्जुन बी गौड़ा ने कहा कि AI से बनी तस्वीरें अपलोड करने का राष्ट्रीय जल पुरस्कार से कोई लेना-देना नहीं है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीईओ ने कहा कि 'जल संचय, जन भागीदारी' अभियान के तहत किए गए 1 लाख 29 हजार 46 कार्यों की पूरी जांच के बाद वेरिफाइड तस्वीरें अभियान के JSJB पोर्टल पर अपलोड की गईं।
IAS गौड़ा ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने इन सभी तस्वीरों को वेरिफाई किया और कुल कार्यों के एक प्रतिशत का रैंडम फील्ड इंस्पेक्शन किया।CEO ने आगे कहा कि पहली नजर में खंडवा जिले में किए गए जल संरक्षण कार्यों के बारे में कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं।