नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के मामले में जेल में कैद कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को ज़मानत मिल गयी है। दिल्ली की अदालत ने इशरत जहां की ज़मानत याचिका को स्वीकार कर लिया है। दो वर्षों से भी अधिक समय तक जेल में कैद रहने के बाद इशरत जहां अब बाहर आ पायेंगी।

लाइव लॉ के अनुसार कोर्ट में इशरत जहां का पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रदीप तेवटिया ने ज़मानत याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि इशरत जहां को इस मामले में साज़िश के तहत फंसाया गया है। अधिवक्ता ने कहा कि इशरत जहां के खिलाफ अब तक एक भी ऐसा सबूत नहीं मिला हो, जिससे किसी भी प्रकार से दिल्ली दंगों की साज़िश रचने में उनकी संलिप्तता सिद्ध होती हो।

अधिवक्ता तेवटिया ने कहा कि इस मामले मे अन्य आरोपियों को जमानत मिल गयी जबकि ज़मानत पाने के लिये इशरत जहां का केस जमानत प्राप्त आरोपियों से ज़्यादा मज़बूत था। अघिवक्ता ने कहा कि इशरत जहां खुद वकील रही हैं, वे युवा नेत्री हैं। उन्होंने ऐसे वार्ड से चुनाव जीता था, जहां पर मुस्लिम कम संख्या में है। जिससे यह सिद्ध होता है कि दोनों समुदायों ने इशरत जहां को वोट दिया था। जिस वार्ड से इशरत जहां ने चुनाव जीता था, उस सीट से अब तक एक भी मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव नहीं जीता था, वे अपने वार्ड से निर्वाचित हुईं पहली मुस्लिम जनप्रतिनिधि रही थीं।

इशरत जहां को 26 फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इस बीच में इशरत जहां को कुछ दिनों ेके लिये रिहा किया गया था। इस अवधि में इशरत जहां का विवाह हुआ था।