नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की नवनियुक्त कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी की नियुक्ति होते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। शांतिश्री धुलिपुड़ी के पुराने ट्वीट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन किया है और मुसलमानों के खिलाफ जमकर ज़हर उगला है। 



शांतिश्री धुलिपुड़ी द्वारा मई 2019 में गोडसे पर किया गया एक ट्वीट चर्चा में है। जिसमें वे कहती हैं कि मैं गोडसे और गांधी दोनों के विचारों से सहमत हूं, दोनों ने गीता पढ़ी थी, लेकिन दोनों ने गीता से भिन्न सीख ली। गोडसे का मानना था एक्शन जरूरी है इसलिए उसे भारत को एक रखने के लिए गांधी की हत्या के रूप में समाधान मिला। 





इसके अलावा शांतिश्री धूलिपुडी के कई ऐसे ट्वीट्स हैं, जिसमें वे भारत के मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगल रही हैं। सीएए एनआरसी प्रोटेस्ट के दौरान प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के खिलाफ भी उनके आपत्तिजनक ट्वीट्स सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गए हैं। इस आधार पर एक वर्ग उनकी नियुक्ति का विरोध कर रहा है। 



बहरहाल शांतिश्री धुलिपुड़ी का जेएनयू में पांच वर्षों का कार्यकाल रहेगा। उन्हें जगदीश कुमार के यूजीसी चेयरमैन बनाए जाने के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया है। कुलपति नियुक्त होने से पहले शांतिश्री धुलिपुड़ी पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी में 1992 से पॉलिटिकल साइंस पढ़ा रही हैं। इसके अलावा वो मास मीडिया, मीडिया रिसर्च, राजनीति और कम्यूनिकेशन के क्लासेज भी लेती हैं। वे मिलिट्री इंटेलिजेंस ट्रेनिंग स्कूल पुणे के लिए रिसोर्स पर्सन भी रही हैं। उनकी तीन किताबें और डेढ़ सौ से ज्यादा रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं।