नई दिल्ली/ लखनऊ। देशभर में इस समय कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए लोग यह प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द देश में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो ताकि एक बार फिर से ज़िन्दगी नॉर्मल हो जाए। लेकिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के चीफ बलराम भार्गव ने यह स्पष्ट किया है कि वैक्सीन के आ जाने के बाद भी लोगों को मास्क हटाने की छूट नहीं होगी। 

आईसीएमआर चीफ बलराम भार्गव ने लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि वैक्सीन के आ जाने के बाद भी लोगों को स्वास्थ्य संबंधी तमाम सावधानियों को बरतना होगा। दरअसल मास्क भी एक तरह की वैक्सीन ही मानी जानी चाहिए। क्योंकि मास्क वह पहली कड़ी है जिसके जरिए इंसान कोरोना संक्रमण को रोक पाता है। और यह लगाना ही होगा। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करना भी जरूरी होगा। 

मास्क भी वैक्सीन की तरह ही काम करता है: भार्गव 

मेडिकल विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि मास्क भी एक फैब्रिक वैक्सीन ही है। वो भी वैक्सीन की तरह ही काम करता है। लिहाज़ा हम कोरोना को रोकने में मास्क की उपयोगिता की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। इसलिए वैक्सीन आने के बाद भी इसकी ज़रूरत बनी रहेगी। बलराम भार्गव ने कहा कि मास्क उन लोगों को भी सुरक्षित रखने का काम करता है जो कि कोरोना से उबर चुके हैं। 

भार्गव ने वैक्सीन को लेकर कहा कि जल्द ही भारत में वैक्सीन आ जाएगी। इसके लिए दिन रात काम हो रहा है। भारत में पांच पांच दवा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई हैं। दो कंपनियों में भारत द्वारा वैक्सीन बनाई जा रही हैं जबकि तीन कंपनियां विदेशी सहयोग से वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई हैं। बलराम भार्गव ने कहा है कि जुलाई 2021 तक तीस करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा गया है।

बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन में दिसंबर से ही टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। स्पेन में जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। मार्च 2021 तक जर्मनी और स्पेन में फुल वैक्सीनेशन होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं हाल ही में भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा है कि अगले साल मार्च महीने से भारत में टीकाकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।