नई दिल्ली।  कोरोना वायरस महामारी खतरे के बीच कराए गई जेईई प्रवेश परीक्षा में 26 फीसदी परीक्षार्थियों ने भाग नहीं लिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों में यह बात सामने आई है। कुल 8.58 लाख परीक्षार्थियों में से 6.35 लाख ने ही परीक्षा दी। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के परीक्षा ना देने की वजह महामारी का डर ही माना जा रहा है।

कोरोना वायरस खतरे की वजह से छात्रों के परीक्षा ना देने की पुष्टि पिछले वर्षों के आंकड़े करते हैं। 2019 में 94.11 फीसदी छात्रों ने जेईई मेंस परीक्षा दी थी। जेईई एडवांस की परीक्षा भी इतने ही विद्यार्थियों ने दी थी।

कोरोना वायरस खतरे के चलते देशभर में छात्रों ने परीक्षा आगे बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने यह कहकर की पहले ही दो बार परीक्षा को आगे बढ़ाया जा चुका है, मांग मानने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में डाली गई याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि विद्यार्थियों के भविष्य को खतरे में नहीं डाला जा सकता।

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जेईई की परीक्षा साल में दो बार होती है। इस साल भी यह जनवरी में हुई थी। तब 94 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि हो सकता है कि कई विद्यार्थियों ने पहले वाली परीक्षा में अच्छा कर लिया हो, इसलिए दूसरी परीक्षा में ना बैठे हों। हालांकि, पिछले वर्षों में कभी ऐसा ट्रेंड देखने को नहीं मिला है।