नई दिल्ली। संसद मे आज पेश किए गए आम बजट पर कांग्रेस ने करारा हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में मोदी सरकार का असली ज़ोर सरकारी संपत्तियों को बेचने पर है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसी अर्थनीति पर चल रहे हैं, जिसमें जनता के पैसों से बनी सार्वजनिक संपत्तियों को बेच देना ही रिफॉर्म का एकमात्र तरीका नज़र आता है।



कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट में आम लोगों के हाथ में पैसे देने का कोई प्रावधान नहीं किए जाने पर निराशा जाहिर करते हुए सरकार की आर्थिक सोच पर करारा हमला किया है। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, 'लोगों के हाथों में नकदी देना भूलकर, मोदी सरकार ने देश की संपत्तियों को अपने पूंजीपति दोस्तों को सौंपने की योजना बनाई है।'





वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने लिखा, 'सरकारी बैंकों से लेकर बंदरगाह तक, सरकारी बीमा कंपनी से लेकर बिजली लाइनों तक, रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से लेकर वेयरहाउस तक बजट में सभी के रिफार्म के लिए एक ही उपाय “बेच दें”।





केंद्रीय बजट पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी करारा तंज कसा है। थरूर ने कहा है कि बीजेपी सरकार मुझे उस  गैराज मैकेनिक की याद दिलाती है जो अपने ग्राहक से कहता है कि मैं ब्रेक नहीं ठीक कर पाऊंगा, इसलिए मैंने गाड़ी का हॉर्न तेज़ कर दिया है।





कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, 'वित्त मंत्री के भाषण में इस बात का जिक्र तक नहीं है कि जीडीपी में 37 महीनों की रिकॉर्ड गिरावट है। 1991 के बाद से यह सबसे बड़ा संकट है।' तिवारी ने दावा किया कि देश की बहुमूल्य संपत्तियों को बेचने के अलावा बजट में किसी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि अर्थव्यवस्था को आगे नहीं बढ़ाओ, सिर्फ देश की बहुमूल्य संपत्तियों को बेचो।





बजट या बंपर मेगा सेल ऑफर



बजट को लेकर देश के तमाम दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार की आलोचनाएं करनी शुरू कर दी है। युवा नेता कन्हैया सरकार से कुमार ने पूछा है कि यह बजट है या बंपर मेगा सेल। कन्हैया ने ट्वीट किया, 'बज़ट ऐसा पेश किया है कि मानो देश में बिकवाली का ‘बम्पर मेगा सेल ऑफ़र’ चल रहा हो ! पता नहीं सरकार चला रहे हैं कि हरेक माल की दुक़ान !!





वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'यह बजट चंद बड़ी कम्पनियों को फ़ायदा पहुंचाने वाला बजट है। ये बजट महंगाई के साथ आम जन-मानस की समस्याएं बढ़ाने का काम करेगा।'





आरजेडी नेताओं ने भी इस बजट का विरोध किया है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, 'यह देश बेचने वाला बजट है।यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी। रेल,रेलवे स्टेशन,एयरपोर्ट,लाल किला, BSNL,LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक,बंदरगाह,बिजली लाइनें,राष्ट्रीय सड़के, स्टेडियम,तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है।'





तेजप्रताप यादव ने बजट के बारे में कहा है कि आज का बजट ऐसा है, मानो गांव की जमीन बेचकर शहर में मोटरसाइकिल खरीद ली और कहा कि अच्छे दिन आ गए। तेजप्रताप ने एक अन्य ट्वीट में तंज कसते हुए कहा कि, 'सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं बिकने दूंगा।



बता दें कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट भाषण में बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का इरादा है। अगले वित्त वर्ष में सरकार जिन सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की तैयारी कर रही है, उनमें आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड शामिल हैं। इसके साथ ही LIC का आईपीओ लाने की तैयारी भी की जा रही है।