नई दिल्ली/हैदराबाद।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अफसरों को सिंघम बनने से बचना चाहिए। प्रधानमंत्री का आशय अपने अफसर होने का रौब झाड़ने वाले अफसरों से था।



प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ पुलिसकर्मी जब शुरू शुरू में अफसर बनते हैं तो उन्हें लगता है कि पहले वे अपना रौब दिखा कर काम करें। लोगों को मैं डरा दूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो ( पुलिस अफसर ) सोचते हैं कि ' लोग मेरे नाम से डरें और जो एंटी सोशल एलिमेंट ( असामाजिक तत्व ) हैं वो मेरा नाम सुनते ही कांप उठें।



प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सब खयाल उन लोगों के ध्यान में आता है जो सिंघम जैसी फिल्में देख कर प्रेरित होते हैं। जबकि ऐसा करने और सोचने से अफसरों द्वारा असली काम छूट जाते हैं।





इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने दीक्षांत सामरोह में कश्मीर के आतंकवाद का ज़िक्र करते हुए कहा कि युवाओं को उनकी जिन्दगी के शुरुआती चरण में ही राह भटकने से रोकने की ज़रूरत है। मोदी ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी महिलाओं को गलत राह चुनने से रोक सकती हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन में तनाव को कम करने के लिए योग प्राणायाम को बेहद ही उपयोगी बताया। प्रधानमंत्री ने तकनीक के इस्तेमाल पर बात करते हुए कहा कि आज के समय में तकनीक का सकारात्मक प्रयोग होना अति आवश्यक है। मोदी ने कहा कि तकनीक के सकारात्मक प्रयोग पर बल देने की जरूरत है।