हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ में बन रही एक एथेनॉल फैक्ट्री के विरुद्ध किसान आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार शाम यह आंदोलन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारी किसान टिब्बी के राठीखेड़ा गांव में बन रही एथेनॉल फैक्ट्री के परिसर में घुस गए। उन्होंने फैक्ट्री की चारदीवारी को ट्रैक्टरों से तोड़ दिया और कई गाड़ियों में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई। इसमें 40 से अधिक किसान और 36 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए।
हिंसा के दौरान मौके पर मौजूद कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया समेत कई लोग घायल हो गए। हिंसा के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं ठप कर दिया। किसानों का आरोप है कि जब वे प्रदर्शन कर रहे थे तब पुलिस ने फायरिंग की। किसानों ने कारतूस के खाली खोखे भी मीडिया को दिखाए। किसानों ने यह भी कहा कि पुलिस ने बेरहमी से बुजुर्गों और महिलाओं पर लाठियां बरसाई। हालांकि, पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है।
दरअसल, किसान पिछले एक साल से तरह-तरह से इस फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर बुधवार को महापंचायत का आयोजन किया गया था। इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं। इस सभा में भाग लेने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया था। पुलिस ने कांग्रेस विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर को हिरासत में ले लिया था। नतीजतन महापंचायत के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया।
10 दिसंबर को हुई हिंसा में शामिल 107 से अधिक किसानों व ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें से 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एडीजी वीके सिंह ने कहा कि 36 से ज्यादा पुलिस और बॉर्डर होमगार्ड को चोट लगी है। पांच पुलिसकर्मियों को ज्यादा चोट लगी है। वहीं, किसानों ने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
बता दें कि चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी राठीखेड़ा में 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट लगा रही है। कंपनी का दावा है प्लांट केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम को सपोर्ट करेगा। फैक्ट्री के बनने से इलाके के ग्रामीण और किसान खुश नहीं हैं। अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीणों ने 'एथेनॉल फैक्ट्री हटाओ संघर्ष समिति'का गठन किया है। ग्रामीणों और किसानों की मुख्य चिंता जमीन अधिग्रहण और पानी के स्तर को लेकर है उन्हें आशंका है कि फैक्ट्री शुरू होने के बाद इलाके में जलस्तर घट जाएगा। उन्हें डर है कि फैक्ट्री की वजह से पर्यावरण और उनकी आजीविका पर संकट आ जाएगा।
बुधवार को किसान फैक्ट्री का निर्माण तुरंत रोकने का लिखित आश्वासन मांग रहे थे। बातचीत विफल होने के बाद ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने सभा की और शाम करीब चार बजे फैक्ट्री की दीवार तोड़ने के लिए ग्रामीण निकल पड़े। ट्रैक्टरों से बन रही फैक्ट्री की बाउंड्री वॉल गिरा दी गई। गुस्साई भीड़ ने फैक्ट्री परिसर में खड़ी 10 से अधिक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इनमें एक जेसीबी मशीन, सात कारें और दो बाइक और पुलिस की एक गाड़ी शामिल थी। प्रदर्शनकारियों को हिंसक होता देख उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठीचार्ज में संगरिया के कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया घायल हो गए। उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल ले जाया गया।
मामले पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक्स पोस्ट में लिखा कि टिब्बी किसान आंदोलन में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों से मिलने जा रहे श्रीगंगानगर जिलाध्यक्ष रूपिंदर कुन्नर जी सहित कांग्रेसजनों की गिरफ्तारी अत्यंत असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है। कल पुलिस द्वारा किसानों और जनप्रतिनिधियों पर बलप्रयोग भी निंदनीय है। अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे किसानों के साथ द्वेषपूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है? मैं इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना करता हूँ और मांग करता हूँ कि गिरफ्तार साथियों को तत्काल रिहा किया जाए तथा सरकार संवेदनशीलता के साथ वार्ता करे।