नई दिल्ली। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों की वार्ता शुरू हो गई है, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल किसानों के 40 प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक अहम ट्वीट किया है। कांग्रेस नेता ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार के बनाए नए कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी बात पर राजी होना किसानों के साथ विश्वासघात होगा।



कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।'





 



इसके पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा था कि आज सरकार को किसानों की बात सुननी होगी। उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा सरकार के मंत्री व नेता किसानों को देशद्रोही बोल चुके हैं, आन्दोलन के पीछे इंटरनेशनल साजिश बता चुके हैं, आन्दोलन करने वाले किसान नहीं लगते बोल चुके हैं, लेकिन आज बातचीत में सरकार को किसानों को सुनना होगा। किसान कानून के केंद्र में किसान होगा न कि भाजपा के अरबपति मित्र।'





बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस संसद और विधानसभाओं के भीतर से लेकर बाहर सड़क तक लगातार प्रदर्शन कर रही है और किसानों की मांगों का खुला समर्थन कर रही है। इसके एक दिन पहले ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पार्टी की तीन प्रमुख मांगों को रखा था और किसान नेताओं से इसपर सरकार से बात करने की अपील की थी।





सुरजेवाला ने बुधवार को ट्वीट किया कि, 'कल जब किसान बातचीत के लिए आएं, कांग्रेस की मांग है 1) 3 काले कानून संस्पेंड करने की घोषणा, 2) 12,000 से अधिक किसान पर दर्ज मुक्दमे बगैर शर्त वापस, 3) किसान पर पराली जलाने के लिए करोड़ो का फाइन लगाने वाला ऑर्डिनेंस व दर्ज सारे मुकदमे वापस ले, फिर पूर्वाग्रह छोड़ खुले मन से बात करे!