मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। उपराष्ट्रपति को संबोधित पत्र में शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने में मदद करने से इनकार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रहा है। राउत के मुताबिक उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि वह महाराष्ट्र की सरकार को गिराने में मदद करें ताकि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव हो।



उपराष्ट्रपति को संबोधित पत्र में राउत ने कई सनसनीखेज दावे किए हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव कराने में मदद करने से इनकार करने पर उन्हें जेल भेजने तक की धमकी दी गई। उन्होंने लिखा है कि, 'करीब एक महीने पहले, कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार को गिराने में हमारी मदद करें। वे चाहते थे कि मैं इस तरह की कोशिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाऊं ताकि राज्य को मध्यावधि चुनाव की ओर धकेला जा सके।' 





राउत ने आगे लिखा कि, 'मैंने ऐसे किसी भी गुप्त एजेंडे में पार्टी बनने से इनकार कर दिया। मुझे चेतावनी दी गई कि मुझे बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। मुझे कहा गया कि मेरे आगे आने वाले दिन एक पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री की तरह हो सकते हैं, जिन्होंने कई साल सलाखों के पीछे गुजारे। मुझे यहां तक चेतावनी दी गयी थी कि मेरे अलावा, महाराष्ट्र कैबिनेट में दो वरिष्ठ मंत्रियों के साथ-साथ महाराष्ट्र में दो वरिष्ठ नेताओं को भी पीएमएलए अधिनियम के तहत सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा, जिससे राज्य में मध्यावधि चुनाव होंगे।'



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राउत आगे लिखते हैं कि साल, '2012-13 में कुछ लोगों ने मुझे और मेरे परिवार को एक छोटी सी जमीन बेची थी, उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। ईडी और अन्य एजेंसियों के अधिकारी उन्हें बुलाते हैं और जेल भेजने की धमकी देते हैं जब तक कि वो मेरे खिलाफ बयान नहीं देते। उनसे यह कहने के लिए कहा जा रहा है कि उन्हें एग्रीमेंट वैल्यू के ऊपर या उससे कुछ अधिक कैश मुझसे मिला है। लगभग 20 साल पहले खरीदी गई संपत्तियों के संबंध में जांच करने का काम ईडी और अन्य एजेंसियों के पास नहीं है।'



राउत ने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा अब तक 28 लोगों को गलत तरीके से उठाया गया है और उन्हें मेरे खिलाफ बयान नहीं देने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी गई है। शिवसेना सांसद ने इस पत्र की कॉपी विपक्ष के 11 नेताओं को भेजी है जिसमें शरद पवार, राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे, डेरेक ओ ब्रॉयन, मानोज कुमार झा भी शामिल हैं।