नई दिल्ली। भारी राजनीतिक उठापटक के बीच सुबह 11 बजे से शुरू हुई और तकरीबन सात घंटे चली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आखिरकार समाप्त हो गई। कार्यसमिति ने बैठक में सोनिया गांधी के ही अध्यक्ष पद पर बने रहने का फैसला किया है। हालांकि सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष अगले 6 महीनों तक ही रहेंगी। 

6 महीने बाद क्या होगा ? 
कांग्रेस को अगला अध्यक्ष मिलने तक पार्टी की बागडोर सोनिया गांधी के पास ही रहेगी। लेकिन यह सिर्फ 6 महीने तक के लिए होगा। 6 महीनों के भीतर कांग्रेस को अपना नया और पूर्णकालिक अध्यक्ष ढूंढना होगा। तब तक सोनिया गांधी के कामकाज में सहयोग करने के लिए एक समिति भी गठित की जाएगी।  

सोनिया ने क्या कहा ? 
सोनिया गांधी ने मीटिंग के समापन भाषण में कहा कि 'कांग्रेस एक बड़ा परिवार है, और मैं किसी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं रखती हूं। लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं को अपनी बात पार्टी के फोरम पर रखनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि उन्हें "अपने ही नेताओं के बागी तेवर से दुख हुआ, लेकिन जो बीत गई सो बात गई, अब हम सब मिलकर काम करेंगे"

कार्यसमिति का प्रस्ताव

सीडब्लूसी मीटिंग के बाद जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि, "पार्टी की स्पष्ट राय है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और न ही किसी को दी जाएगी। आज हर कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं नेता की जिम्मेदारी है कि वह भारत के लोकतंत्र, बहुलतावाद व विविधता पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कुत्सित हमलों का डटकर मुकाबला करे।"  

Click https://www.humsamvet.com/national/congress-working-committee-meeting-sonia-gandhi-4817

राहुल ने भी जताई नाराज़गी
दरअसल गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी की कमान गांधी परिवार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को सौंपने की बात कही थी। इस चिट्ठी में यह कहा गया था कि उन्हें एक पूर्णकालिक और लगातार सक्रिय अध्यक्ष की जरूरत है।जिसे लेकर राहुल गांधी ने नाराज़गी जताई थी। राहुल ने आज कार्यसमिति की बैठक में कहा कि नेताओं के सोनिया गांधी को पत्र लिखने का समय सही नहीं था, क्योंकि सोनिया गांधी बीमार चल रही थीं। राहुल ने अपने समापन भाषण में भावुक होते हुए कहा कि ' इस घटनाक्रम से मुझे बहुत ठेस पहुंची है, मैं बहुत आहत हुआ हूं। आखिर मैं बेटा हूं।'

इससे पहले बैठक के दौरान ही एक खबर सामने आई थी कि राहुल गांधी ने कपिल सिब्बल के ऊपर बीजेपी से मिलीभगत करने के आरोप लगाए थे। जिसका सिब्बल ने भी बगावती सुर में विरोध किया था। हालांकि बाद में सिब्बल ने अपने ट्वीट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि राहुल गांधी ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर यह जानकारी देते हुए बताया है कि उन्होंने बैठक में कुछ नहीं कहा है।