लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में भले ही गठबंधन नहीं हुआ है, लेकिन दोनों पार्टियां कुछ सीटों पर एक दूसरे का सहयोग कर रही हैं। समाजवादी पार्टी ने रामपुर खास से कोई कैंडिडेट नहीं उतारा है। यहां सपा कांग्रेस प्रत्याशी को वॉक ओवर दे रही है।

रामपुर खास सीट पर पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होना है। इसके लिए नामांकन की आखिरी तिथि 8 फरवरी थी लेकिन सपा की तरफ से किसी ने भी नामांकन दाख़िल नहीं किया। दरअसल, रामपुर खास से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा मोना चुनाव लड़ रही हैं। प्रमोद तिवारी इस सीट से लगातार 10 बार विधायक रहे हैं और उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ें: औरत क्या पहनेगी यह औरत तय करेगी, औरत का उत्पीड़न बंद करें: प्रियंका गांधी

साल 2012 में 10वीं बार विधायक बनने के बाद उन्हें कांग्रेस  ने 2014 में राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। राज्यसभा के लिए सपा ने भी उनका समर्थन दिया और वे जीतकर संसद में पहुंचे। उसी साल जब यहां उपचुनाव हुए तो प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा मोना ने चुनाव जीता। साल 2017 में भी आराधना मिश्रा यहां से जीतने में कामयाब रहीं। आराधना मिश्रा कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं, और उनका जीत भी पक्की मानी जा रही है इसलिए सपा ने वॉकओवर दिया है।

इसके पहले कांग्रेस ने भी करहल और जसवंत नगर विधानसभा सीट के लिए अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया था। जिसके बाद राज्य में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। सियासी जानकारों  का मानना है कि कि राज्य में चुनाव उपरांत निर्मित होने वाली परिस्थितियों में जरूरत पड़ने पर दोनों दल एक दूसरे का सहयोग भी कर सकते हैं। पीछले हफ्ते ही एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी का काफिला जब टकराया था तब भी दोनों नेताओं ने एक दूसरे के लिए सार्वजनिक रूप से सम्मान प्रकट किया था। बदजुबानियों के इस दौर में सुचिता की राजनीति कम ही देखने को मिलती है।