उन्नाव। उत्तरप्रदेश के उन्नाव में दलित लड़कियों के हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है। बबुरहा कांड में अब तक नाबालिग माना जा रहा दूसरा आरोपी 24 घंटे बाद बालिग निकला है। पुलिस ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए बताया है कि मुख्य आरोपी विनय के साथी सचिन की उम्र 19 साल है। पुलिस को इसकी जानकारी सचिन के आधार कार्ड से मिली है। पुलिस ने विनय के साथ सचिन को भी जेल भेज दिया है।

बताया जा रहा है कि किशोरियों की मौत का खुलासा किए जाने के बाद आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह को नाबालिग आरोपी के शातिर दिमाग पर शक हुआ। उन्होंने इसके प्रमाणपत्रों की छानबीन के आदेश दिए। शनिवार को जांच के दौरान पुलिस के हाथ उसका आधार कार्ड लग गया। इसमें आरोपी सचिन निवासी पाठकपुर की उम्र 01-01-2002 दर्ज थी। इसके पहले सचिन को उसके परिवार ने नाबालिग बताया था। इसी वजह से IG लक्ष्मी सिंह ने केस का खुलासा करते वक्त उसका नाम भी नहीं उजागर किया था। 

पुलिस ने दूसरे आरोपी की पूरी कुंडली खंगालने के बाद उसे मुख्य आरोपी के साथ सीजेएम कोर्ट में पेश किया। जज के आदेश पर पुलिस ने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मामले में पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर पिता की शिकायत पर पहले से दर्ज एफआईआर में विनय और सचिन का नाम जोड़ते हुए लड़कियों को जहर देकर मारने की धाराएं बढ़ा दी हैं।

इस मामले में शुक्रवार को खुलासा करते हुए लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया था कि विनय एक लड़की को झांसे में लेकर फाांसना चाहता था, लेकिन जब वो अपने गलत इरादों में सफल नहीं हुआ तो उसे जान से मारने की साज़िश रची। इसी साज़िश के तहत उसने पानी में कीटनाशक मिलाकर एक लड़की को पिलाया। साथ में मौजूद बाकी दो लड़कियों ने भी वही पानी पी लिया। इस घटना में उन दोनों लड़कियों की मौत हो गई जबकि जिसे विनय मारना चाहता था वह अस्पताल में भर्ती है।

हालांकि आरोपियों के परिजन पुलिस की  थ्योरी को सच मानने से इनकार कर रहे हैं। आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनके लड़के को साज़िश के तहत फंसाया गया है।