नई दिल्ली। जेएनयू के कुलपति पद पर शांतिश्री धुलिपुडी की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेता वरुण गांधी ने भी कुलपति के पद पर शांतिश्री की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। वरुण गांधी ने जेएनयू की नवनियुक्त कुलपति की खराब अंग्रेज़ी का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसी नियुक्तियां युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से कम नहीं हैं। 



वरुण गांधी ने अपने ट्विटर हैंडिल पर शांतिश्री धुलिपुडी द्वारा लिखा एक प्रेस रिलीज साझा किया है। अंग्रेज़ी भाषा में जारी इस प्रेस रिलीज़ में व्याकरण संबंधी त्रुटियों की ओर इंगित करते हुए वरुण गांधी ने इसे निरक्षरता की प्रदर्शनी करार दिया है। यही नहीं उन्होंने यहां तक कहा है कि ऐसी नियुक्तियां ह्यूमन कैपिटल और युवाओं के भविष्य को चोट पहुंचाती हैं। 





शांतिश्री धुलिपुडी को सोमवार को ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की नई कुलपति के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी पुणे में प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवा दे रही थीं। शांतिश्री जेएनयू की पहली महिला कुलपति बनी हैं। अपनी चिट्ठी में उन्होंने पहली महिला वीसी बनाए जाने पर पीएम और शिक्षा मंत्री का धन्यवाद ज्ञापन किया है।



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शांतिश्री पंडित का कार्यकाल पांच वर्षों का होगा लेकिन नियुक्ति की घोषणा के पहले दिन से ही वो विवादों में हैं। उनके पुराने ट्वीट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करती नज़र आ रही हैं। उनके एंटी मुस्लिम और सीएए प्रोस्टेट के खिलाफ लिखे गए उनके ट्वीट्स भी खासी चर्चा में हैं। हालंकि विवाद बढ़ने के बाद खुद शांतिश्री ने अपने ट्विटर हैंडल को डिलीट कर दिया है।