नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल चुनावों के बाद भड़की हिंसा के मामले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई करेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस सिलसिले में आदेश सुना दिया है। हाई कोर्ट ने हिंसा की जांच करने के लिए अलग से तीन सदस्यीय एसआईटी के गठन का भी आदेश दिया है। जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की निगरानी में होगी। 

गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय खंडपीठ ने राज्य मानवाधिकार की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। हाई कोर्ट ने कहा कि बंगाल चुनाव परिणाम के बाद हुई हत्या, रेप जैसे गंभीर मामलों की जांच सीबीआई के जिम्मे होगी, जबकि अन्य मामलों की जांच तीन सदस्यीय एसआईटी करेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने हिंसा के पीड़ितों को उचित मुआवजा देने के भी निर्देश दिए हैं। 

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एसआईटी को अपनी रिपोर्ट सीधे हाई कोर्ट की खंडपीठ को सौंपनी होगी। अगर जांच के दौरान कोई समस्या आती है, तो कोर्ट को सीधे इसकी जानकारी देनी होगी। हाई कोर्ट ने बंगाल हिंसा से जुड़े मामले की अगली सुनवाई को 24 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया। 

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इससे पहले 3 अगस्त को इस मामले में सुनवाई हुई थी। तब कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज हाई कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश के साथ साथ एसआईटी के गठन के भी आदेश दे दिए। हाई कोर्ट के इस फैसले को राज्य की टीएमसी सरकार के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि टीएमसी लागतार हिंसा के आरोपों को निराधार झूठा करार देती रही है।