नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि एन 95 मास्क का उपयोग कोरोना से बचाव करने में सक्षम नहीं है।मंत्रालय ने एन 95 मास्क की जगह घर पर बना ही मास्क उपयोग में लाने की नसीहत दी है। मंत्रालय का कहना है कि मास्क में मौजूद छिद्र कोरोना को रोक नहीं सकते तथा इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।



लोग मास्क का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं 

स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक राजीव गर्ग ने समस्त राज्यों के मेडिकल शिक्षा मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से बताया है कि एन 95 मास्क कोरोना को रोकने में किसी भी प्रकार से सक्षम नहीं है। राजीव गर्ग ने मास्क के इस्तेमाल पर अपनी चिंता ज़ाहिर करते हुए बताया कि जनता और सरकारी कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं के महानिदेशक गर्ग ने बताया कि छेद युक्त मास्क का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अतः स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से घर पर बने मास्क का ही उपयोग करने का अनुरोध किया है।



ऐसा मास्क इस्तेमाल करें 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से घर पर बने मास्क को इस्तेमाल करने के लिए तो कहा ही है लेकिन इसके साथ ही मंत्रालय ने कैसे मास्क का इस्तेमाल किया जाए, इसकी भी जानकारी दी है। मंत्रालय ने लोगों से ऐसे मास्क का इस्तेमाल करने के लिए कहा है जिसके कपड़े को पांच मिनट में धो कर सुखाया जा सके। मंत्रालय ने लोगों से मास्क को गर्म पानी में नमक मिला कर धोने के लिए कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे मास्क का इस्तेमाल हो जिससे कान मुंह और नाक को पूरी तरह से ढ़क सके। इसके साथ ही लोगों को कॉटन मास्क के उपयोग की सलाह दी गई है।





कपड़े का बना ट्रिपल लेयर के मास्क का इस्तेमाल करें 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्विटर पर मंत्रालय की एडवाइजरी साझा करते हुए लोगों से ट्रिपल लेयर के मास्क का इस्तेमाल करने की हिदायत दी है।





इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने अप्रैल में जारी किए एडवाइजरी में भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि घर से बाहर निकलने पर घर पर बने मास्क का इस्तेमाल करें ताकि कोरोना वायरस से बचा जा सके। एडवाइजरी में कहा गया था कि इन मास्क कवर को रोजाना धोया या साफ किया जाना जरूरी है। इसके अलावा कहा गया था कि मुंह को ढंकने के लिए कॉटन के कपड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं।