नासिक। महाराष्ट्र के नंदुरबार ज़िला स्थित सारंगखेड़ा गांव इनदिनों सुर्खियों में हैं। हर साल की तरह इस साल भी यहां घोड़ों का मेला लगा है। यहां घोड़ों के शौकीन लोग यहां खरीददारी करने आ रहे हैं। मेले में दो हजार से ज्यादा घोड़े बिक्री-खरीद के लिए लाए गए हैं। अब तक इस मेले में 278 घोड़े बिके हैं, एक खास किस्म का घोड़ा 1 करोड़ से ज्यादा में बिका है। जबकि एक रावण नाम के घोड़े की बोली 5 करोड़ में लगी है फिर भी उसका मालिक उसे बेचने को तैयार नहीं है। मालिक का कहना है कि वह केवल अपने घोड़े की कीमत जानने के लिए मेले में उसे लेकर आए थे।

नासिक से लाया गया रावण नाम का घोड़ा चमकीले काले रंग है, इसके माथे पर एक सफेद तिलक जैसा निशान है। जानकारों की मानें तो यह देवमणि कंठ कूकड़ नागदा पुठे जैसे शुभ संकेतों वाला है। रावण के मालिक का नाम असद सैयद है। उन्होंने अपने घोड़े की सेवा में दो लोगों को तैनात कर रखा है। रावण मारवाड़ प्रजाति का घोड़ा है। इसकी ऊंचाई करीब 68 इंच हैं।

असद अपने इस खास घोड़े की देखभाल फैमिली मेंबर की तरह करते हैं। रावण नाम के इस घोड़े की महीने भर की डाइट पर लाखों का खर्चा आता है। यह रोजाना 10 लीटर दूध, एक लीटर घी, दर्जनों अंडे, चना दाल, बाजरा, सूखे मेवे औऱ हरी घास खाता है। रावण जितना खूबसूरत है उतना ही पावरफुल भी। मेले में दूर-दूर से लोग इस घोड़े को देखने आ रहे हैं। लोग इसकी सुंदरता की तारीफ किए बिना नहीं पा रहे हैं। इस मारवाड़ प्रजाति के घोड़े का इस्तेमाल ब्रिडिंग के लिए किया जाता है। मुंबई के एक खरीदार ने इसके लिए 5 करोड़ की बोली लगाई थी, लेकिन मालिक ने बेचने से मना कर दिया।  

यह घोड़ा महराणा प्रताप के चेतक घोड़े की प्रजाति का है। कहा जाता है कि मारवाड़ प्रजाति के घोड़े आकर्षक तो होते ही हैं, वे मेहनती, बेहद समझदार, चालाक और फुर्तीले होते हैं। इनकी खासियत है कि ये है कि जल्दी थकते नहीं है।