कोरोना वायरस संकट के चलते इस बार स्वतंत्रता दिवस पर पहले जैसी रौनक नहीं होगी। सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के चलते अबकी बार बस 150 से 200 लोग ही वीआईपी घेरे में बैठ पाएंगे, जबकि पहले करीब एक हजार लोगों को ये सुविधा मिलती थी। कोरोना के चलते इस बार स्कूल के बच्चे भी समारोह में शामिल नहीं होंगे। बताया जा रहा है कि इस बार कोरोना से उबर चुके करीब 1,500 लोगों को समारोह में शामिल किया जाएगा। इनमें से 500 लोग स्थानीय पुलिस से होंगे और बाकी के एक हजार लोग देश के विभिन्न हिस्सों से।

अंग्रेजी अखबार द हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “स्कूलों के बच्चे हमेशा से स्वतंत्रता समारोह का हिस्सा रहे हैं। लेकिन इस बार कोविड 19 की वजह से वे शामिल नहीं हो पाएंगे।”

स्कूल बच्चे समारोह में जरूर शामिल नहीं होंगे लेकिन नेशनल कैडेट कॉर्प्स के कैडेट के शामिल होने की संभावनाएं हैं। बताया जा रहा है कि रक्षा सचिव अजय कुमार पिछले सप्ताह लाल किला गए थे और उन्होंने सोशल डिस्टेंसिग प्रोटोकॉल का पूरी सावधानी से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

पिछले साल के अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने और तीन तलाक को गैर कानूनी घोषित करने के साथ-साथ अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान किया था। उन्होंने ‘एक देश एक संविधान’ से लेकर प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने की बात कही थी।