कोरबा। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले कोरबा में जहरीला पुटू खाने से 3 बच्चों की तबीयत खराब हो गई। बच्चे घर से बिना बताए जंगलों गए थे। जहां उन्होंने मशरूम जैसा दिखने वाला पुटू देखा और ललचा गए। यह पुटू खाने में टेस्टी होता है, लेकिन अगर उसकी सही पहचान ना तो कई  बार जान पर बन आती है। अच्छे मशरूम और जहरीले पुटू में अंतर कर पाना मुश्किल होता है।

बच्चे जंगल से पुटू बीनकर लाए थे, और उन्होंने उसे जंगल में ही पकाकर खाया था। जब वे घर पहुंचे तो उनकी तबीयत खराब होने लगी। बच्चों की हालात बिगड़ने पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में भर्ती कराया गया है।

पुटू खाने से बीमार बच्चों को उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच है। इनकी पहचान पाली थाना क्षेत्र के बनबांधा ऊपरपारा गांव के अभय, समीर और आर्यन के रुप में हुई है। तीनों दोस्त खेलते खेलते जंगल में चले गए थे और वहां पुटू देखकर ललचा गए और जहरीले पुटू खाने से बीमार हो गए। गंभीर हालत में तीनों को अस्पताल में भर्ती किया गया। अब तीनों बच्चों का इलाज चल रहा है। हालत खतरे से बाहर बताए जा रही है।दरअसल बच्चे वह जहरीला पुटू पहचान नहीं पाए और उन्होंने वह खा लिया, जिसके बाद जब वे घर पहुंचे तो उनकी हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ने पर तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  

दरअसल पुटू आदिवासी इलाकों में खाया जाने वाला एक तरह की मशरूम है। जिसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर होता है। पुटू की सब्जी बनाई जाती है, बारिश के दिनों का यह खास मौसमी व्यंजन है।   पुटू मशरूम की ही एक प्रजाति होती जिसे छत्तीसगढ़ में पटरस पुटू और गुआ मुड़ा के नाम से पुकारा जाता है।

जानकारों की मानें तो इसकी कई प्रजातियां विषैली होती है। जो इसे नहीं पहचानते वे कई बार इसे खाकर अपनी जान जोखिम में डाल लेते हैं। बारिश के बाद यह उगने लगता है, बाजार में 200 से 300 रुपए दोना तक में मिलता है। यह घने जंगलों में बड़ी मात्रा में मशरूम प्राकृतिक रूप से बड़ी मात्रा में मिलते हैं।