रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राज्य की जनता से रूबरू होते हुए कहा कि आज का दिन हमारी आदिवासी संस्कृति पर गर्व करने का अवसर है। राज्य सरकार आदिवासियों के अधिकारों के प्रति सजग है।



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की जनता से मुखातिब होते हुए कहा कि प्रदेश की आदिवासी संस्कृति की विश्व भर में एक विशिष्ट पहचान है, जिसके ऊपर हमें गर्व करना चाहिए। आदिवासियों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। और उस कड़ी में राज्य सरकार लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रही है। बघेल ने रेडियो वार्ता के ज़रिए जनता से मुखातिब होते हुए कहा कि वनांचल में रहने वाले लोगों को कोरोना संकट काल में राहत देने के लिए प्रदेश में 7 से बढ़कर 31 वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। और हमारा अनुमान है कि आगे चलकर 2500 करोड़ रू की राशि आदिवासियों तथा अन्य वन आश्रित परिवारों को साल भर में मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी -वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम-2006 एक मील का पत्थर था।





राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की नवीं कड़ी के माध्यम से आम जनता से रूबरू होते हुए अगस्त क्रांति दिवस और विश्व आदिवासी दिवस का विशेषरूप से उल्लेख करते हुए इनके महत्व की चर्चा की। उन्होंने प्रदेशवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। बघेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज के ही दिन वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरु करने की घोषणा की और ‘करो या मरो’ का नारा दिया। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का निर्णायक मोड़ साबित हुई।