रायपुर। जीएसटी क्षतिपूर्ति हर राज्य का अधिकार है। यह कहना है छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का। उन्होंने अपने ट्वीट में जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर कहा है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति का बोझ आरबीआई से कर्ज के नाम पर राज्यों पर डालकर केन्द्र सरकार अपने और राज्य सरकारों के बीच के करार को तोड़ा रही है।  सिंहदेव ने कहा कि केंद्र ने सहकारी संघवाद पर भी भीषण प्रहार किया है। उनका कहना है कि इस कोरोना महामारी में ऐसा करना और भी क्रूर है।





दरअसल केंद्र सरकार द्वारा साल 2020-21 के लिए GST क्षतिपूर्ति में कमी के लिए राज्य शासन द्वारा ऋण लिये जाने के विकल्प भेजे गये हैं। संवैधानिक रुप से GST क्षतिपूर्ति की राशि देना केन्द्र शासन की जिम्मेदारी है। इस बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार से वर्ष 2020-21 के जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 2828 करोड़ रूपए की राशि जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की थी।



जीएसटी काउंसिल में शामिल राज्यों को केन्द्र शासन ने 2017 में आश्वासन दिया गया था कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व में जो भी कमी होगी उसकी प्रतिपूर्ति साल 2022 तक की जाएगी।  



वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि राज्यों में हर साल राजस्व सामान्य रूप से बढ़कर आता है। इसमें जो भी कमी आती है, उसकी प्रतिपूर्ति केन्द्र सरकार की ओर से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह भी विचारणीय तथ्य है कि रिजर्व बैंकों द्वारा राज्यों को अलग अलग दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा ऋण लेकर राज्यों को उपलब्ध कराना अधिक व्यवहारिक होगा।





जीएसटी में कमी की क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों द्वारा इसके लिए ऋण लेने से राज्यों पर ऋण भार आ जाएगा। जीएसटी क्षतिपूर्ति हर दो महीने में दिए जाने का प्रावधान है, इसलिए साल 2020-21 के चार महीने बीत जाने के बाद भी इस अवधि की क्षतिपूर्ति राशि केंद्र सरकार से प्राप्त नहीं हुई है। मुख्यमंत्री की इसी बात का समर्थन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने भी ट्वीट किया है। टीएस सिंहदेव ने ट्वीट में लिखा है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति हर राज्य का अधिकार है।