जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां 13 साल की एक बच्ची ने अपने ही अपहरण की साजिश रची। इतना ही नहीं उसने अपने घरवालों से 15 लाख रुपए फिरौती की भी डिमांड की और घर से भाग गई। बाद में पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला।
घटना रविवार दोपहर की है। बच्ची की मां को घर में एक पेज का नोट मिला था जिसमें लिखा था कि आपकी बच्ची हमारे पास है। अगर उसे सही-सलामत चाहते हो तो 15 लाख रुपए की व्यवस्था कर लो। नोट पढ़कर परिजनों ने तुरंत खमरिया थाना पुलिस को सूचना दी। मामला बच्ची से जुड़ा था, इसलिए जबलपुर से भोपाल तक पुलिस अलर्ट हो गई।
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खमरिया थाना क्षेत्र के प्रियदर्शनी कॉलोनी में रहने वाली यह बच्ची रविवार दोपहर अचानक लापता हुई थी। सबसे पहले, मां और नानी ने आसपास उसे तलाशा, लेकिन नहीं मिलने पर घर लौट आए। तभी उनकी नजर बच्ची के कमरे में रखे एक नोट पर पड़ी, जिसमें अपहरण की बात लिखी थी।
नोट देखते ही परिजन घबरा गए और पुलिस को सूचना दी। सीएसपी सतीष साहू और थाना प्रभारी सरोजनी चौकसे मौके पर पहुंचे और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए। घर के पास चौक पर खड़े ऑटो चालकों से पूछताछ की गई, जिसमें एक ने बताया कि वह बच्ची को सदर इलाके में छोड़कर आया था।
इसके बाद पुलिस ने फोटो के आधार पर तलाशी शुरू की और करीब 5 घंटे बाद बच्ची सदर की गली नंबर 7 में घूमती मिली। जानकारी के अनुसार बच्ची की मां जॉब करती हैं। 12 साल पहले उनके पति से विवाद हो गया था, तभी से बच्ची अपनी मां और नानी के साथ प्रियदर्शनी कॉलोनी में रह रही है। बच्ची को पता था कि बाहर रहने के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी, इसलिए उसने अपनी गुल्लक तोड़ी और घर से निकल गई।
पुलिस ने बताया कि बच्ची ने अपने हाथों से अपहरण का नोट लिखा था, जिसमें लिखा था, 'तुम लोगों की बच्ची हमारे पास है। अगर उसे बचाना है तो अगले महीने की 10 तारीख को 15 लाख रुपए लेकर बड़ी खेरमाई मंदिर आ जाना। अगर किसी ने भी पुलिस को खबर की तो बच्ची के चिथड़े तोहफे में मिलेंगे। तुम्हें 14 दिन का वक्त देते हैं, जल्दी से पैसों का इंतजाम करो, वरना अंजाम बुरा होगा।'
सीएसपी सतीष साहू ने बताया कि जैसे ही अपहरण की सूचना मिली और फिरौती की मांग वाला नोट देखा गया, पुलिस तुरंत सक्रिय हुई। बच्ची को 5 घंटों में सुरक्षित खोज लिया गया। जब नोट की हैंडराइटिंग बच्ची की कॉपी से मिलाई गई, तो पुष्टि हो गई कि यह उसी ने लिखा है। पूछताछ में बच्ची ने बताया कि वह एक महीने तक बिना डांट-फटकार के आराम से रहना चाहती थी, इसलिए खुद के अपहरण की कहानी रच डाली।