नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च के बाद अडानी ग्रुप के लगातार गिर रहे शेयर्स का खामियाजा बीमा कंपनी एलआईसी को भी भुगतना पड़ रहा है। दिग्गज बीमा कंपनी को बीते 50 दिनों में 50 हजार करोड़ का घाटा हो चुका है। 

दरअसल एलआईसी ने अडानी ग्रुप में भारी निवेश किया हुआ है। चूंकि हिंडनबर्ग खुलासे के बाद अडानी ग्रुप को शेयर बाज़ार में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए इसका सीधा असर एलआईसी पर भी पड़ रहा है। 

बीते 31 दिसंबर को एलआईसी का निवेश मूल्य 82,970 करोड़ था जोकि 23 फरवरी तक महज़ 33,242 करोड़ रह गया। इस लिहाज़ से एलआईसी को पिछले 50 दिनों में 49,728 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीमा कंपनी ने अडानी ग्रुप की लगभग सभी लिस्टेड कंपनियों में निवेश किया हुआ है। जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी शामिल हैं। ऐसे में एलआईसी के निवेशकों को उनके पैसे डूब जाने का डर सताना लाजमी है। 

अडानी से जुड़ा मामला फिलहाल अभी सुप्रीम कोर्ट में है। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में खुद की कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया है। खुद सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में भारतीय निवेशकों के पैसे डूब जाने की आशंका पर चिंता ज़ाहिर कर चुका है। 

वहीं कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इस मामले में जेपीसी की मांग भी कर चुके हैं। लेकिन मोदी सरकार अडानी मामले में जांच करने पर राज़ी नहीं है। कोर्ट के दखल के बाद केंद्र जांच करने और कमेटी बनाने के लिए तैयार हो गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के सुझावों से असंतुष्ट होकर खुद की कमेटी बनाने का निर्णय लिया।