नई दिल्ली। भारत की बेपटरी होती अर्थव्यवस्था के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए आर्थिक पैकेज का एलान किया है। वित्त मंत्री ने आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की है कि केंद्र सरकार कोरोना से प्रभावित सेक्टर्स को 1.1 लाख करोड़ तक का लोन देगी। जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को सरकार 50 हज़ार करोड़ तक के लोन की गारंटी देगी जबकि अन्य सेक्टर्स को सरकार 60 हज़ार करोड़ तक के लोन की गारंटी देगी। स्वास्थ्य क्षेत्र को अधिकतम 7.95 फीसदी की ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा जबकि अन्य क्षेत्रों के लिए ब्याज दर 8.25 फीसदी से अधिक नहीं होगी।  

इसके आलावा क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत छोटे कारोबारियों को माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इस लोन की समयसीमा तीन वर्षों तक के लिए होगी। सरकार खुद इस लोन की गारंटी देगी। इस लोन के लिए 89 दिन तक के डिफॉलटर  भी योग्य होंगे। एक अनुमान के मुताबिक इस योजना से करीब 25 लाख लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है।  

किसानों के लिए 14 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की सब्सिडी का एलान 
सरकार ने किसानों के लिए 14 हज़ार करोड़ से ज़्यादा की सब्सिडी का एलान किया है। सरकार ने यह सब्सिडी डीएपी और एनपीके पर दी है। सरकार की स्कीम के मुताबिक सरकार डीएपी की सब्सिडी पर 9,125 करोड़ खर्च करेगी जबकि एनपीके की सब्सिडी पर सरकार 5,650 करोड़ रुपए खर्च करेगी। जिसका कुल योग 14,775 करोड़ रुपए बैठता है। 
 

टूरिस्ट एजेंसी को दस लाख रुपए तक का मिलेगा लोन 
कोरोना के कारण सबसे बुरी तरह से पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इस वजह से सरकार ने लइसेंसधारी टूरिस्ट गाइड और टूरिस्ट एजेंसी को लोन मुहैया कराने की भी व्यवस्था की है। लइसेंस टूरिटस्ट गाइड को सरकार एक लाख रुपए तक का लोन देगी। जबकि टूरिस्ट एजेंसी को दस लाख रुपए तक का लोन मिल सकेगा। वहीं भारत आने वाले पहले पांच लाख विदेशी पर्यटकों को विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त में मिलेंगे। हालांकि एक पर्यटक को केवल एक बार ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा। वीजा जारी होते ही पर्यटक इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। 2019 में 1.93 करोड़ विदेशी पर्यटकों ने भारत की यात्रा की थी। 

आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना की अवधि बढ़ी 
वित्त मंत्री ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना की अवधि को बढ़ाने का एलान किया है। अक्टूबर 2020 में लांच हुई इस योजना को भारत सरकार ने बढ़ाकर मार्च 2022 तक के लिए कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार 15 हज़ार से कम के वेतनधारियों के पीएफ का भुगतान करती है।