शेयर बाजार में आज हाहाकार मच गया। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन बीएसई सेंसेंक्स करीब 1115 अंक की गिरावट के साथ 36,554 पर बंद हुआ। एनएसई की सूचकांक निफ्टी भी 326 अंक की गिरावट के साथ 10,805 पर बंद हुआ। चौतरफा बिकवाली के इस सैलाब में निवेशकों के 3 लाख 92 हजार करोड़ रुपये डूब गए। पिछले 6 कारोबारी दिनों के दौरान आम निवेशक 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक गवां चुके हैं।

बैंकिंग, आईटी, ऑटो शेयर सब लुढ़के
कारोबार के आखिरी घंटे में इंडसइंड बैंक के शेयर 8 फीसदी लुढ़क गए। बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, टीसीएस, महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर भी टॉप लूजर में शामिल हैं। टाटा स्टील, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, मारुति, एयरटेल के शेयर में भी अच्छी-खासी गिरावट दर्ज की गई।

क्या है गिरावट की बड़ी वजह
दरअसल, सारी दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों में फिर से तेज़ी आने और वैक्सीन के बारे में कोई ठोस सकारात्मक खबर नहीं मिलने की वजह से निवेशकों में घबराहट है। ऐसे माहौल में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के उप-प्रमुख रिचर्ड क्लैरिडा ने बुधवार को कह दिया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमज़ोर मांग और बेरोज़गारी के गहरे कुएं में फंसी हुई है। क्लीवलैंड के फेडरल रिज़र्व बैंक की प्रमुख लोरेटा मस्टर ने भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बारे में बिलकुल ऐसा ही बयान दे डाला। दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी की हालत के बारे में आए इन बयानों से सारी दुनिया के निवेशकों और बाज़ारों में खलबली मची हुई है। भारतीय बाज़ार में आज की भारी मुनाफावसूली की एक बड़ी वजह यह भी रही।