मुंबई। सोमवार सुबह भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत एक झटके के साथ हुई। हफ्ते के पहले दिन प्री-ओपनिंग ट्रेडिंग में सेंसेक्स करीब 704 अंक यानी 0.85% गिरकर 81,704 पर आ गया, जबकि निफ्टी 172 अंक यानी 0.69% टूटकर 24,939 पर ट्रेड करता दिखा।
सुबह 10 बजे सेंसेक्स करीब 900 अंक नीचे 81,500 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी में भी करीब 300 अंक की गिरावट है, ये 24,830 के स्तर पर है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल 2 शेयरों में तेजी जबकि 28 में गिरावट है। इंफोसिस, टेक महिंद्रा, जोमैटो सहित लगभग 13 शेयरों में 2% तक की गिरावट है। BEL और एयरटेल में 2% तक की तेजी है।
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वहीं, निफ्टी के 50 शेयरों में से 6 में तेजी और 44 में गिरावट है। NSE के सभी सेक्टर्स गिरकर कारोबार कर रहे हैं। रियल्टी 1.2%, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 1% और मेटल-FMCG-बैंकिंग शेयर्स 0.70% गिरे हैं। दरअसल, अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला कर दिया है और इस हमले में इजराइल भी शामिल रहा। इससे मिडिल ईस्ट में टेंशन और ज्यादा बढ़ गया है। यही वजह है कि सिर्फ भारतीय बाजार ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के बाजारों में भी गिरावट देखी जा रही है।
इजराइल -ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका के एंट्री के बाद तेल की कीमतों में भी उबाल आ गया है। कच्चा तेल करीब 2.7% उछलकर 79.12 डॉलर प्रति बैरल हो गया है, जबकि अमेरिका का क्रूड 2.8% बढ़कर 75.98 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है। यह इस साल जनवरी के बाद का सबसे हाई लेवल है।
बता दें कि ईरान की संसद ने अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। ये खबर से पूरी दुनिया में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि होर्मुज ग्लोबल ऑयल ट्रेड का एक अहम रास्ता है। दुनिया का 20-25% कच्चा तेल इसी रास्ते से गुजरता है। ईरान के इस कदम से तेल की कीमत बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई है। तेल की कीमत बढ़ने का मतलब है महंगाई बढ़ेगी। निवेशकों में डर है कि अगर तेल महंगा हुआ तो कंपनियों की लागत बढ़ेगी, मुनाफा घटेगा। इसी वजह से बाजार में गिरावट देखी जा रही है।