ब्रिटेन की टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ एक बड़ा मुकदमा जीत लिया है। करीब 22 हजार करोड़ रुपये के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स का यह केस केस हेग की पर्मानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में चल रहा था। वोडाफोन और भारत सरकार के बीच कोई सहमति ना बन पाने के कारण कंपनी ने 2016 में नीदरलैंड्स की इंटरनेशनल कोर्ट का रुख किया था। 

बहरहाल, फैसले की जानकारी मिलने के बाद सरकार ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले का अध्ययन करेगी और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में कोई निर्णय लेगी, जिसमें कानूनी कार्रवाई का विकल्प भी शामिल है।

वोडाफोन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन कोर्ट के जिस फैसले में उसकी जीत हुई है, उसके लिए मध्यस्थ तय करने में दोनों पक्षों की सहमति शामिल है।

आर्बिट्रेशन कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस मामले में भारत सरकार के टैक्स विभाग का बर्ताव इंडिया-नीदरलैंड्स के बीच हुए द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते के खिलाफ रहा है। कोर्ट ने भारतीय टैक्स विभाग को अब यह मामला खत्म करने को कहा है। दरअसल, वोडाफोन ने 2007 में हचिसन कंपनी के शेयर खरीदने का सौदा किया तो भारत सरकार ने उस डील से हुए मुनाफे पर इनकम टैक्स लगा दिया था। लेकिन कंपनी के अपील करने पर सुप्रीम कोर्ट में 2012 में टैक्स की मांग को गलत बताते हुए आयकर विभाग के दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद सरकार ने वोडाफोन से टैक्स वसूलने के लिए आयकर अधिनियिम में पिछली तारीख से बदलाव कर दिए। जिसे वोडाफोन ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में चुनौती दे दी।

हम आपको बता दें कि वोडाफोन का भारत में आइडिया के साथ गठजोड़ है। वोडाफोन-आइडिया देश की तीसरी बड़ी टेलिकॉम कंपनी है।