जबलपुर। ग्रामीण इलाकों में लाठी-डंडे के साथ आम के बगीचे की रखवाली का चलन है, ताकि कोई आम न चुरा सके। लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक किसान ने आमों की रखवाली के लिए 6 कुत्ते और 4 गार्ड को तैनात किया है। हैरान करने वाली बात यह है कि आम की संख्या महज सात है। महज 7 नग आम की रखवाली में 4 गार्ड और 6 कुत्तों की सुरक्षाकवच इसलिए लगाई गई है क्योंकि ये कोई साधारण आम नहीं बल्कि दुनिया के सबसे महंगे आम हैं।

मामला नर्मदा किनारे बसे जबलपुर शहर से सटे डगडगा हिनौता गांव का है। लाल रंग का यह आम जापान का मशहूर मियाजाकी किस्म का है। जापान में इसे सूर्य का अंडा भी कहा जाता है। दुनिया के सबसे महंगे आम का दर्जा इसी किस्म को मिला है। इस आम का दाम सुनकर साधारण आदमी के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे 2 लाख 70 हजार रुपए किलो के हिसाब से बेचा गया था।

जबलपुर के किसान दंपत्ति संकल्प परिहार और रानी परिहार ने तीन साल पहले इसका पौधा लगाया था। संकल्प ने बताया कि तीन साल पहले जब वे कुछ पौधे खरीदने के लिए चेन्नई जा रहे थे तो ट्रेन में एक अनजान सख्श ने उन्हें ये बेशकीमती पौधे दिए थे। उसने संकल्प से बच्चों की तरह इस आम का देखभाल करने के लिए कहा। संकल्प ने किस्म के बारे में जाने बिना अपने बगीचे में इन्हें रोप दिया था। 

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पिछले साल जब पैधे में फल लगे तो संकल्प हैरान हो गए, क्योंकि देखने में ही यह सामान्य आम से बहुत अलग थे। बाद में जब उन्होंने जानकारी जुटाई तो उन्हें असली नाम और कीमतों का पता चला। संकल्प ने बताया कि पिछले साल बाजार में जब आम को लेकर जनकारी फैली तो चोरों ने उनके बगीचे पर हमला कर दिया। चोरों ने उनके पेड़ से दो आम और डालियां चुरा लीं। हालांकि, किसी तरह वे पेड़ को बचाने में कामयाब हुए। 

सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस साल संकल्प ने उस पेड़ की रखवाली के लिए 4 गार्ड और 6 कुत्तों का इंतजाम किया। उन्होंने बताया कि इस साल फल लगने के बाद आम की खेती करने वाले और फल प्रेमी उनसे संपर्क कर रहे हैं। फलों के एक व्यापारी रमेश तनेजा ने उन्हें एक आम के लिए 21 हजार रुपये देने की पेशकश की है, जबकि मुंबई के एक दूसरा जौहरी इस आम के लिए लाखों रुपए देने को तैयार है। हालांकि, उन्होंने बेचने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि हम इस फल का उपयोग अधिक पौधे उगाने के लिए करेंगे।