पटना। पटना के जाने-माने कारोबारी और बीजेपी से से जुड़े नेता गोपाल खेमका की शुक्रवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, अपने अपार्टमेंट के गेट पर जैसे ही वो गाड़ी से उतरे, घात लगाए अपराधियों ने उन पर गोलियां दाग दीं। गौर करने वाली बात ये है कि 2018 में गोपाल खेमका के बड़े बेटे गुंजन खेमका की भी ठीक इसी तरह हत्या हुई थी, और कुछ महीने पहले उनके छोटे बेटे पर भी जानलेवा हमला हुआ था।
घटना के बाद डीजीपी विनय कुमार ने SIT के गठन के आदेश दिए हैं। जांच की कमान सेंट्रल एसपी दीक्षा को दी गई है। बताया जा रहा है कि गोपाल खेमका ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर हेल्थ केयर सेक्टर में अपना करियर शुरू किया था। राजेंद्र नगर में मगध हॉस्पिटल खोला और फिर दवा की दुकानों से लेकर फैक्ट्रियों और पेट्रोल पंप तक अपने कारोबार का विस्तार किया। हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उनकी दो फैक्ट्रियां थीं, जिनकी देखरेख उनका बेटा गुंजन करता था। बेटे की मौत के बाद उन्होंने कारोबार सीमित कर दिया था।
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उनके पड़ोसियों ने बताया कि कुछ महीने पहले उनके छोटे बेटे पर भी गोली चलाई गई थी, लेकिन सौभाग्य से वह बाल-बाल बच गए। इसके बावजूद पुलिस या प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को लेकर कोई गंभीर पहल नहीं की। मृतक के भाई संतोष खेमका ने बताया कि घटना रात करीब 11 बजे की है लेकिन गांधी मैदान थाना की पुलिस करीब 1:30 बजे अस्पताल पहुंची। जबकि घटनास्थल थाना से महज 300 मीटर की दूरी पर था। पुलिस की इस लेटलतीफी ने और सवाल खड़े कर दिए हैं।
पटना की SP दीक्षा ने बताया कि घटनास्थल से एक गोली और एक खोखा बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे एरिया को सील कर आस-पास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि किसी भी कीमत पर अपराधियों को नहीं छोड़ा जाएगा।
उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के मामले में अब सीबीआई जांच की मांग उठने लगी है। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और सांसद पप्पू यादव आज शाम 5 बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह इस हत्याकांड की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से कराने की मांग राज्यपाल के समक्ष रखेंगे।