अस्थमा वैश्विक स्तर पर बढ़ती सांस की गंभीर समस्याओं में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, साल 2019 में अस्थमा ने अनुमानित 262 मिलियन (26.2 करोड़) लोगों को प्रभावित किया और इसके कारण 4.55 लाख लोगों की मृत्यु हुई। भारत में भी यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। देश की कुल आबादी में लगभग 6% बच्चे और 2% वयस्कों को अस्थमा की समस्या है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ लोगों में अस्थमा की दिक्कत वंशानुगत हो सकती है, जबकि कुछ लोगों में समय के साथ भी इसके विकसित होने का खतरा रहता है। जीवनशैली के विभिन्न जोखिम कारक अस्थमा के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। 

अस्थमा की स्थिति में आपके वायुमार्ग संकीर्ण और सूज जाते हैं, जिसके कारण अतिरिक्त बलगम का उत्पादन होने लगता है। इससे सांस लेना मुश्किल हो सकती है और जब आप सांस छोड़ते हैं तो खांसी, सीटी की आवाज (घरघराहट) आती है। दैनिक जीवन की कुछ चीजें अस्थमा की समस्या को बढ़ा देती हैं। सांस लेने में तकलीफ की इस दिक्कत से बचे रहने के लिए सभी लोगों को इसके जोखिम कारकों से बचाव करते रहना चाहिए। वहीं हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि अस्थमा के रोगियों के लिए कुछ फूड्स भी काफी फायदेमंद हो सकते हैं, जिन्हें खाने से अस्थमा की समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है। आइए जानते हैं इनके बारे में। 


दालें
दाल खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इससे शरीर को भरपूर प्रोटीन मिलता है। अस्थमा के मरीज मूंग दाल, सोयाबीन, काला चना और अन्य दालें खा सकते हैं। दाल खाने से फेफड़े मजबूत बनते हैं। दमा के मरीज को रोज 1 कटोरी दाल जरूर खानी चाहिए। 


हरी सब्जियां
अस्थमा होने पर हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। हरी सब्जियां खाने से फेफड़ों में कफ जमा नहीं होता और शरीर को सभी विटामिन मिल पाते हैं। इससे अस्थमा अटैक आने का खतरा कम होता है। हरी सब्जियां आंत और फेफड़ों के लिए भी अच्छी होती हैं। 

 

विटामिन-सी
अस्थमा के मरीज को खाने में विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए। इससे भरपूर एंटी ऑक्सिडेंट मिलते है, जो फेफड़ों को सुरक्षित बनाते है। विटामिन सी खाने से अस्थमा अटैक का खतरा कम होता है।

शहद दालचीनी
दमा के मरीज को शहद और दालचीनी का सेवन करना चाहिए। इससे फायदा मिलता है। रोज रात में सोते वक्त 2-3 चुटकी दालचीनी में शहद मिलाकर खाने से फेफड़ों में आराम मिलता है। 

तुलसी

अस्थमा के मरीज को तुलसी का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को एंटी ऑक्सीडेंट मिलते हैं। रोज चाय में तुलसी के पत्ते डालकर पीने से दमा के मरीज को फायदा पहुंचता है। तुलसी खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे सीजनल बीमारियों का खतरा कम होता है। 


क्या नहीं खाना चाहिए ?
अस्थमा के मरीज को खाने में गेहूं, अंडा, सोया, पपीता, केला, चीनी, चावल और दही नहीं खाना चाहिए। दमा के मरीजों को ज्यादा फ्राई चीजें भी नहीं खानी चाहिए। इन लोगों को ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए।