Apple अपने यूजर्स के लिए प्राइवेसी फीचर लेकर आया है। इसके तहत अब ऐपल के यूजर्स को अपने आईफोन में मौजूद हर ऐप की जानकारी मिलेगी कि- कौन सा ऐप उनकी गतिविधियों को ट्रैक कर रहा है। आईफोन में मौजूद जैसे ही कोई ऐप यूजर की एक्टिविटी ट्रैक करेगा, वैसे ही यूजर को फोन में प्राइवेसी फीचर नोटिफिकेशन मिल जाएगा। यह फीचर IOS 14 के लेटेस्ट वर्जन पर काम करना शुरू कर चुका है। लेकिन फ़ेसबुक को एप्पल के इस फीचर से आपत्ति है। 

एप्पल का यह फीचर छोटे कारोबार करने वाली कंपनियों को प्रभावित करेगा: फेसबुक 

एप्पल की इस नई नीति का फेसबुक विरोध कर रहा है। एप्पल के इस प्राइवेसी फीचर को लेकर फेसबुक का कहना है कि यह स्मॉल बिजनेस करने वाली कंपनियों को प्रभावित करेगा। लिहाज़ा फेसबुक एप्पल की इस नई नीति से सहमत नहीं है।

हाल ही में एप्पल के सीईओ टीम कुक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पिक्चर ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने एप्पल की प्राइवेसी फीचर के बारे में बताते हुए फेसबुक का उदाहरण दिया था, कि आईओएस यूजर्स के स्क्रीन पर किस तरह का नोटिफिकेशन आएगा।

लेकिन एप्पल के इस फीचर की आलोचना करते हुए फेसबुक ने अमेरिकी अखबारों में बाकायदा विज्ञापन जारी किया है। फेसबुक ने अपने विज्ञापनों में कहा है कि एप्पल की यह नीति स्मॉल बिजनेस करने वाली कंपनियों को बुरी तरह से प्रभावित करेगी जिनका पूरा कारोबार डेटा ट्रैक करने पर आधारित होता है ताकि वे अपने कस्टमरों तक पहुंच पाएं। यही नहीं, फेसबुक कंपनी ने ऐप्पल के फेसबुक पेज से ब्लूटिक भी हटा दिया गया है। 

एप्पल ने भी फेसबुक द्वारा की गई आलोचना पर पलटवार किया है। एप्पल ने कहा है कि उसकी पहली प्राथमिकता उसके यूजर्स हैं और वो हर हाल में अपने यूजर्स की सुरक्षा में साथ खड़ा है।

क्या है एप्पल का प्राइवेसी फीचर 

एप्पल का यह नया फीचर एप डेवलेपर्स के लिए है। एप्पल ने एप डेवलेपर्स के लिए नियम बनाया है। इस नियम के अनुसार एप्पल के एप स्टोर पर जितने भी एप्स होंगे, उन सभी एप्स में एप प्राइवेसी के बारे में बताना होगा। यूजर्स एप स्टोर पर जाएंगे तो उन्हें सभी एप्स में एप प्राइवेसी का एक सेक्शन मिलेगा। इसमें एप्स को यह बाताना होगा कि वह यूजर की कौन-कौन सी जानकारियां एक्सेस करेगा।

इसके साथ ही यूजर्स को इस बात की भी जानकारी मिल पाएगी कि कौन सा ऐप उनकी जानकारियों का इस्तेमाल किस उद्देश्य के लिए कर रहा है। यूजर्स को यह सुविधा एप्पल स्टोर पर ऐप को इंस्टॉल करने के वक्त ही दे दी जाएगी। मसलन, जैसे ही कोई यूजर एप्पल प्ले स्टोर पर किसी ऐप को इंस्टॉल करने जाएगा, उस समय ही यूजर को डिवाइस की लोकेशन, उसके कांटैक्ट्स आदि ट्रैक करने से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। कोई विशेष ऐप उनसे यह जानकरियां क्यों ले रहा है यह यूजर को ऐप डाउनलोड करते वक्त ही पता चल जाएगा।