फ्रांस के व्यंग्य अखबार शार्ली हेब्दो ने फिर से पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापे हैं। साल 2015 में इन्हीं कार्टून को छापने के कारण अखबार के पेरिस स्थित दफ्तर पर आतंकी हमला हुआ था। अखबार ने यह कार्टून अब फिर से तब छापा है, जब एक दिन बाद इस आतंकी हमले में आतंकियों को मदद देने के आरोप में 13 लोगों पर सुनवाई शुरू होनी है। इस कार्टून को छापने से पहले अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा कि सारे कार्टून इतिहास के हैं, और इतिहास ना तो दोबारा लिखा जा सकता है और ना ही मिटाया जा सकता है। अखबार के निर्देशक ने कहा कि वे कभी भी झुकेंगे नहीं। 

जनवरी 2015 में अखबार के पेरिस स्थित दफ्तर पर हमला हुआ था। इस हमले को दो दिन बाद पास के ही एक सुपरमार्केट में दूसरा हमला हुआ था। इन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ISIL ने ली थी। दोनों हमलों में कुल 17 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें तीन आतंकी भी शामिल हैं। अखबार के दफ्तर करने वाले दो आतंकी भाइयों ने खुद को अलकायदा से जुड़ा हुआ बताया था। 

अखबार ने पैगंबर मोहम्मद के जो कार्टून अब फिर से छापे हैं, वो सबसे पहले एक डेनिश अखबार जाइलैंड्स पोस्टन में 2006 में छपे थे। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे। उनका मानना था कि पैगंबर मोहम्मद का चित्र बनाना ईशनिंदा है। 

शार्ली हेब्दो अखबार विभिन्न धर्मों से जुड़े धर्मगुरुओं, देवताओं इत्यादि के कथित अपमानजनक कार्टून छापने के लिए कुख्यात है। इस वजह से 2011 में अखबार के पेरिस ऑफिस में बम से भी हमला हुआ था। जिसके बाद से अखबार की संपादकीय टीम को सुरक्षा मिली हुई है। अखबार के निर्देशक ने कहा कि वे लोग विरले हैं कुछ धर्मों द्वारा हमेशा से और कुछ धर्मों द्वारा कभी-कभी बनाए जा रहे दबाव के आगे नहीं झुकते।