जबलपुर। CBI ने केंद्रीय जीएसटी (CGST) कार्यालय जबलपुर में छापा मारकर असिस्टेंट कमिश्नर और इंस्पेक्टर को 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। बुधवार को हुई CBI की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। आरोपी अधिकारियों ने एक होटल कारोबारी के 1 करोड़ रुपए के टैक्स रिकवरी नोटिस को रफा-दफा करने के बदले में 10 लाख रुपए की घूस मांगी थी।

जबलपुर सीबीआई टीम ने बुधवार शाम करीब 6 बजे ग्वारीघाट स्थित सेंट्रल जीएसटी (CGST) कार्यालय में छापा मारा। वहां पदस्थ सुपरिंटेंडेंट मुकेश बर्मन और इंस्पेक्टर सचिन कांत खरे को 4 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। ये रकम होटल व्यवसायी विवेक त्रिपाठी से रिश्वत के तौर पर लिया गया था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक विवेक त्रिपाठी के शहर में कई होटल हैं। इन होटलों में होने वाले लेन-देन समेत अन्य कामों की जांच दोनों अफसरों ने की। त्रिपाठी के मुताबिक, उनके सभी दस्तावेज और ट्रांजैक्शन सही थे। इसके बावजूद उन पर एक करोड़ रुपए का टैक्स निकाल दिया। त्रिपाठी ने टैक्स को लेकर आपत्ति की। इसके बाद भी अफसरों ने मामले को निपटाने के एवज में 10 लाख रुपए रिश्वत की मांग की।

बाद में यह सौदा 5 लाख और फिर चार लाख रुपए में तय हुआ। इस पूरे मामले की शिकायत त्रिपाठी ने सीबीआई एसपी एसके राठी से की थी। इधर दोनों अफसरों ने त्रिपाठी के सीए हर्षित कुमार से संपर्क किया और सीधे त्रिपाठी से रिश्वत की रकम लेने से परहेज जताया। उन्होंने हर्षित को रिश्वत की रकम लेकर गुरुवार को ग्वारीघाट रोड स्थित मॉल बुलाया। पहले से ही सीबीआई की टीम वहां पहुंच गई थी। रिश्वत की रकम लेने इंस्पेक्टर खरे वहां पहुंचा। जैसे ही हर्षित ने रकम दी। वहां मौजूद टीम ने उसे पकड़ लिया।

इसके बाद टीम ने सचिन से मुकेश को फोन लगवाया। सचिन ने मुकेश को फोन किया। बताया कि चार लाख रुपए आ गए हैं। यह सुनते ही मुकेश ने रकम ऑफिस लाने को कहा, तब टीम सचिन को लेकर ग्वारीघाट रोड आस्था नगर के सामने ऑफिस पहुंची और उसे भी दबोच लिया। दोनों आरोपियों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा।