नई दिल्ली। अमेरिका ने चीन के ऊपर टेक्सस विश्वविद्यालय में चल रही कोविड 19 रिसर्च चोरी करने के प्रयास का आरोप लगाया है। अमेरिका ने यह आरोप हाल ही में बंद किए गए ह्यूस्टन स्थित चीन के वाणिज्यिक दूतावास पर लगाया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने इस बारे में विश्वविद्यालय को सूचित भी किया है। बताया जा रहा है कि टेक्सस विश्वविद्यालय की रिसर्च से बहुत से संभावित कोविड 19 टीकों को मदद मिली है। यह आरोप तब सामने आया है, जब अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और दोनों देशों के बीच शीत युद्ध की स्थिति बनती दिख रही है।

मीडिया संस्थान साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक टेक्सस विश्वविद्यालय ने अपने शोधकर्ताओं और फैकल्टी को 27 जुलाई को मेल करके बताया कि इस संबंध में एफबीआई ने उनसे संपर्क किया है। विश्वविद्यालय ने अपने शोधकर्ताओं को सचेत रहने के लिए कहा। मेल में लिखा गया, “हम आपको वर्तमान की और हर पल बदल रही राष्ट्रीय परिस्थिति के बारे में अवगत कराना चाहते हैं, जो हमारे कुछ सदस्यों और रिसर्च समूह पर असर डाल सकती है।”

इससे पहले अमेरिका ने जासूसी के आरोप में ह्यूस्टन स्थित चीन के वाणिज्यिक दूतावास को बंद कर दिया था। इसके बदले में चीन ने चेंगदू स्थित अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास को बंद करवा दिया था। दोनों देशों के बीच और भी कई मुद्दों पर तनाव चल रहा है। अमेरिका लगातार चीन द्वारा हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न और दक्षिण चीन सागर में आक्रामकता के कदमों पर तीखा विरोध जता रहा है।

हाल ही में टेक्सस से अमेरिकी सांसद माइकल मैक्कॉल ने आरोप लगाया था कि ह्यूस्टन स्थित चीन का वाणिज्यिक दूतावास अमेरिका की जैव वैज्ञानिक रिसर्च चुराने के लिए चीन के केंद्र के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस संदर्भ में अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों को निकाला जा चुका है। मैक्कॉल ने आरोप लगाया कि चीन हमारी वैक्सीन रिसर्च चुराने का प्रयास कर रहा है।

मैक्कॉल ने कहा, “चीन हमारी वैक्सीन रिसर्च चुराने का प्रयास कर रहा ताकि वह दुनिया को यह दिखा सके कि जिस वायरस के लिए वह जिम्मेदार है, वैक्सीन बनाकर उसने उससे दुनिया को बचा लिया है।”