दिल्ली। कहा जाता है कि किसी अनहोनी के समय का अंदाज़ा लगाना कठिन है। कुछ ऐसा ही हुआ यूरोप के एक देश आइसलैंड में  यहाँ की राजधानी रिक्जेविक अचानक ऐसे ऐसे हादसे का गवाह बनी जिसकी कल्पना भी शायद इलाक़े के लोग नहीं कर सकते थे  



मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक़ शहर के दक्षिण पश्चिमी इलाक़े में 900 साल बाद ज्वालामुखी विस्फोट देखने को मिला है। हालांकि इस विस्फोट से लोगों को कोई खतरा नहीं हुआ, लेकिन आइसलैंड का केफ्लाविक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और ग्रिंडाविक का छोटा मछली पकड़ने वाला बंदरगाह जो कुछ ही किलोमीटर दूर है। वहाँ अनहोनी की आशंका से लोग दहशत में आ गए। यहाँ शहर के लोग बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं।





लाल लावा की जलधाराएँ बुदबुदाती हुईं और दक्षिण-पश्चिमी आइसलैंड में रेक्जेनेस प्रायद्वीप पर माउंट फग्रादाल्सफजाल के करीब, गेलडिंगडालूर में एक घाटी से निकल रही हैं  



भू भौतिकविद मैग्रेस तुमी गुड़मंडसन  विश्वविद्यालय ने विस्फोट के लिए घाटी को एक आदर्श स्थान के रूप में बताया,



 





 



इस क्षेत्र में वैसे तो प्रवेश की इजाज़त नहीं थी लेकिन बाद में इसे जनता के लिए खोल दिया गया, हालांकि आइसलैंड के नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने जोर देकर कहा कि निकटतम सड़क से कई घंटे की बढ़ोतरी केवल उन लोगों के लिए सिफारिश की गई थी, जो “कठिन परिस्थितियों में सड़क पर रहते थे।



बहरहाल बीते तीन दिनों से ज्वालामुखी विस्फोट का असर पूरे शहर और देश पर देखा जा सकता है। ज्वालामुखी से महज २५ मिनट की दूरी पर स्थित एयरपोर्ट का कलर कोड बदल गया है। लोगों को घरों के अंदर रहने और खिड़की दरवाज़े बंद रखने की हिदायत दी गयी है। 



यह विस्फोट इलाक़े में 400 सिस्मिक गतिविधियों के बाद देखा गया है। इस ज्वालामुखी से हुए नुक़सान और वातावरण पर पड़नेवाले असर को अभी आंका जा रहा है।