कोरोना वायरस से उपजी महामारी के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुट-निरपेक्षता आंदोलन के वर्चुअल सम्मेलन में भाग लेंगे. इस दौरान कोरोना वायरस महामारी का सामना करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी.

बताया जा रहा है कि सम्मेलन भारतीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे होगा और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसमें भाग लेंगे.

यह पहला मौका होगा जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर गुट-निरपेक्षता आंदोलन के सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी 2016 और 2019 में गुट-निरपेक्षता आंदोलन के सम्मेलन में शामिल नहीं हुए.

इन दोनों मौकों पर भारत का प्रतिनिधित्व उप-राष्ट्रपति ने किया. 2016 का सम्मेलन वेनेजुएला और 2019 का अजेरबैजन में हुआ था. इससे पहले 2012 में तेहरान में हुए सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिस्सा लिया था.

गुट-निरपेक्षता आंदोलन का यह सम्मेलन वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए होगा. दूसरे वैश्विक समूहों जैसे जी 20, ब्रिक्स और सार्क इत्यादि ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठके की हैं.

गुट-निरपेक्षता आंदोलन में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 120 विकासशील देश शामिल हैं. यह संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक समूह है.