पूर्वी अफ्रीका का एक देश केन्या इनदिनों भीषण सूखे की मार झेल रहा है। उत्तरी केन्या की स्थिति अत्यंत भयावह है। हाल ही में जब विश्वभर के नेता ग्लासगो में वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में अपनी बातें साझा कर रहे थे, उस दौरान केन्या में खाने और पानी की कमी की वजह से दर्जनों जानवरों की जान चली गई। एक चरवाहे ने प्यारे जानवरों को पानी और भोजन के लिए तड़पते देखा, उसकी नजरों के सामने उसके 40 ऊंटों की मौत हो गई। केन्या के गरिसा रियासत में कुरुती के पास अपने ऊंटों को पानी पिलाने के लिए एक चरवाहा बोरहोल से पानी भरकर  ले जाता है। फिर भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।  

केन्या की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने अपने 47 रियासतों में से 10 में राष्ट्रीय आपदा की घोषणा कर दी है। वहीं संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 20 लाख से ज्यादा लोग गंभीर रूप से  खाने की कमी से जूझने पर मजबूर हैं। बड़ी संख्या में लोग खाद्य असुरक्षित हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि अगर यही हालात रहे तो लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचेगा।

चेतावनी दी जा रही है कि खाने और पानी की तलाश में भटकते विभिन्न समुदायों के बीच तनाव बढ़ने के आसार हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि पूरे अफ्रीका में ऐसे जलवायु झटके आम होते जा रहे हैं। बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पशुओं की मौत हो रही है। लगातार धरती का तापमान बढ़ रहा है, जमीन पर पड़ने वाली गर्मी से पता चलता है कि देश भुखमरी का सामना कर रहा है।