अमेरिका ने एच1 बी वीजा को लेकर नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन ने इन पाबंदियों की घोषणा अमेरिका के गृह और श्रम मंत्रालयों की सिफारिशों के बाद की है। आशंका है कि इन नए प्रतिबंधों के बाद अमेरिकी कंपनियों के लिए दूसरे देशों से आने वाले कर्मचारियों को नौकरी पर रखना मुश्किल हो जाएगा। नए प्रतिबंधों का असर एच1 बी वीजा के थर्ड पार्टी एप्लीकेशंस पर भी असर पड़ेगा। हालांकि इन नए नियमों को कानूनी चुनौती दिए जाने के भी आसार हैं।

इन नए प्रतिबंधों को लेकर ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इससे अमेरिकी कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी। वहीं आलोचोकों का कहना है कि ये नए प्रतिबंध ट्रंप की संकीर्ण वर्चस्वाद की राजनीति का हिस्सा हैं, जो चुनाव के ठीक एक महीने पहले लागू किए गए हैं। आलोचकों का कहना है कि विदेशी कर्मचारी अमेरिका के विकास में योगदान देते हैं, लेकिन ट्रंप अपनी संकीर्ण राजनीति के तहत विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका का दुश्मन बताते हैं। 

नए प्रतिबंध मुख्य रूप से तीन बदलाव लाएंगे। पहला, विशेष  कौशल वाले कामकाजों की परिभाषा पहले के मुकाबले सिकोड़ दिया जाएगा। दूसरा, एच1 बी वीजा के तहत कर्मचारियों को रखने के लिए कंपनियों को अतिरिक्त कागजात देने होंगे। तीसरा, एच1 बी वीजा के तहत काम कर रहे कर्मचारियों की निगरानी को लेकर अमेरिकी गृह मंत्रालय की ताकत पहले के मुकाबले बढ़ जाएगी। 

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कहा यह भी जा रहा है कि नए नियम कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मेहनताने को भी बदल देंगे। इससे अमेरिका में स्थित भारतीय और दूसरी टेक्नॉलजी कंपनियों को नुकसान होगा। साथ ही भारत के कर्मचारियों को भी नुकसान होगा। वैसे भी, ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से अमेरिका में भारतीय कर्मचारियों की संख्या लगातार कम होती रही है।