दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से एक तरफ जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था के भीषण मंदी में फंसने की आशंका है, वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वायरस के कारण दुनिया भर में 2.38 करोड़ बच्चे और युवा अगले साल पढ़ाई छोड़ सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र का बयान ऐसे समय में आया है जब वायरस संकट के कारण स्कूल और कॉलेज बंद हैं और जो कुछ भी शैक्षिक गतिविधियां चल रही हैं, वो ऑनलाइन तरीके से चल रही हैं। इस आशंका की गंभीरता को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि हमें भविष्य के लिहाज से समावेशी, गुणवत्तापरक और लचीली शिक्षा प्रणाली के लिए साहसिक कदम उठाने होंगे।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि पूरे इतिहास को अगर उठाकर देखें तो कोरोना वायरस के कारण शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे लंबा गतिरोध पैदा हुआ है। उन्होंने बताया कि 160 देशों में स्कूल बंद हैं और करीब एक अरब छात्र प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण चार करोड़ बच्चे अपनी महत्वपूर्ण शिक्षा हासिल नहीं कर पाए हैं। पढ़ाई छोड़ने और प्रभावित होने का एक प्रमुख कारण ऑनलाइन पढ़ाई संचालित करने के मूलभूत साधन उपलब्ध नहीं होना है।   

कोरोना वायरस संकट की अगर बात करें तो यह लगातार विकराल होता जा रहा है। कई देशों से संकेत मिले हैं कि उनकी अर्थव्यवस्थाएं मंदी की जकड़ में आने लगी हैं। दुनिया भर में कोरोना के एक करोड़ 80 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और मरने वालों की संख्या सात लाख का आंकड़ा पार कर गई है।