अमेरिका की चार शीर्ष टेक कंपनियां, गूगल, अमेज़न, फेसबुक और ऐप्पल इन दिनों अमेरिकी कांग्रेस के निशाने पर हैं। अमेरिकी कांग्रेस में चल रही सुनवाई में इन टेक कंपनियों के मालिकों के ऊपर आरोप लगे हैं कि उनके पास असीम शक्ति आ गई है और वे राजनीतिक मतों को रोक रहे हैं। यही नहीं, उनके साधन फेक न्यूज भी धड़ल्ले से फैला रहे हैं। जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के इंजन को चूना लग रहा है। इन आरोपों पर चारों कंपनियों के मालिकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी गवाही दी है। करीब एक साल से इस मामले में सबूत और गवाह इकट्ठे किए गए हैं। इन कंपनियों पर गलत तरीकों से अपने प्रतिद्वंदियों को दबाने का आरोप है।

इस मामले में अभी अंतिम जांच होनी है, लेकिन उससे पहले टेक कंपनियों के मालिकों मार्क जुकरबर्ग, सुंदर पिचाई, जेफ बेजोस और टिम कुक ने अपनी गवाही दी। मालिकों से डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पक्षों के सांसदों ने तीखे सवाल पूछे। सुनवाई की शुरुआत डेमोक्रेट सांसद सिसलीन ने गूगल के ऊपर चोरी करने के आरोप के साथ की। उन्होंने पूछा कि आखिर गूगल ईमानदारी से अपना व्यवसाय करने वालों से चोरी क्यों करता है? उन्होंने आरोप लगाया कि गूगल ने येल्प नाम की कंपनी से चोरी की है और आवाज उठाने पर येल्प को अपने सर्च रिजल्ट से हटाने की धमकी दी है।

पिचाई ने इस आरोप के जवाब में औपचारिकता भरा जवाब देते हुए कहा कि गूगल पूरी ईमानदारी बरतता है और वे इस आरोप की विस्तृत जानकारी से अवगत होना चाहेंगे।

सबसे ज्यादा असहज दिखे मार्क जुकरबर्ग 

सुनवाई के दौरान सबसे ज्यादा मार्क जुकरबर्ग ने असहज महसूस किया। फेसबुक ने 2012 में इंस्टाग्राम को खरीदा था और जुकरबर्ग से इस बारे में काफी सवाल किए गए। उनसे पूछा गया कि क्या इंस्टाग्राम को इसलिए खरीदा गया क्योंकि यह फेसबुक के लिए खतरा था। इस संदर्भ में जुकरबर्ग को उनका एक ईमेल दिखाया गया जिसमें उन्होंने इंस्टाग्राम को फेसबुक के लिए खतरा बताया था।

एक अमेरिकी सांसद ने कहा कि अमेरिका के एंटी ट्रस्ट कानून इसलिए ही बनाए गए हैं ताकि बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को ना खा पाएं। जुकरबर्ग ने इस आरोप के जवाब में कहा कि 2012 में इंस्टाग्राम एक छोटी सी फोटो शेयरिंग एप थी नाकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म। उन्होंने कहा कि आज भी फेसबुक इंस्टाग्राम को एक प्रतियोगी और सहयोगी दोनों तरह से देखता है।

भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने पूछा कि क्या फेसबुक अपने प्रतिद्वंदियों की नकल करता है और अगर हां तो आजतक फेसबुक ने कितनी बार ऐसा किया है। इसके जवाब में जुकरबर्ग ने कहा कि निश्चित तौर पर फेसबुक ने ऐसे कदम उठाए हैं। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं है कि ऐसा कितनी बार किया गया है। जुकरबर्ग के बाद प्रमिला जयपाल ने अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस से पूछा कि क्या उनकी कंपनी बिक्री संबंधी निर्णय लेते समय तीसरी पार्टी से प्राप्त डेटा का इस्तेमाल करती है?

इसके जवाब में बेजोस ने कहा कि इस तरह की प्रैक्टिस के खिलाफ अमेजन में काफी सख्त नियम हैं और ऐसा होने पर हम जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई करते हैं। हालांकि, मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स हैं जो बेजोस की बात का खंडन करती हैं। इन कंपनियों पर गलत तरीकों का प्रयोग करके मार्केट में अपना प्रभुत्व बनाने के बाद ग्राहकों और छोटे बिजनेसेस से मनचाहा और अधिक पैसा लेने का भी आरोप लगा। एप्पल के मालिक टिम कुक ने कहा कि उनकी कंपनी इस तरह के काम नहीं करती है।

कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने सभी कंपनियों के ऊपर पार्टी और इसके समर्थकों के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया। कंजर्वेटिव पार्टी के एक सांसद ने कहा कि गूगल ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ कंटेट को बढ़ावा दिया और क्या वे इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की मदद करेंगे।

इसके जवाब में पिचाई ने कहा कि वे दोनों ही पार्टियों के कैंपन को अपने प्लेटफॉर्म पर समान रूप से बढ़ावा देंगे।

मार्क जुकरबर्ग से पूछा गया कि उन्होंने डॉनल्ड ट्रंप के बेटे की पोस्ट को क्यों हटाया। जुकरबर्ग ने कहा कि उनकी पोस्ट को ट्विटर ने हटाया है।

हाल के दिनों में ट्विटर और फेसबुक ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की पोस्ट पर गलत सूचना के लेबल लगाने शुरू किए हैं। ट्रंप ने जेफ बेजोस पर भी कई बार निशाना साधा है क्योंकि उनके स्वामित्व वाला वाशिंगटन पोस्ट अखबार ट्रंप प्रशासन के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखता है। इससे ट्रंप आगबबूला होकर इन प्लेटफॉर्म्स पर अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने और इनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान कंजर्वेटिव सांसदों ने ट्रंप के मत को बार-बार दोहराया।

सुनवाई के दौरान सभी मालिकों ने अपने संघर्ष और टैलेंट की कहानी को दोहराया। बेजोस ने बताया कि कैसे उनकी मां 17 साल की स्कूल जाने वाली लड़की थीं और उन्हें गोद लेने वाले पिता क्यूबा से आए एक प्रवासी थे। बेजोस ने बताया कि अमेजन ने पिछले एक दशक में अमेरिका में 270 अरब डॉलर का निवेश किया है और हजारों रोजगार पैदा किए हैं।

इसी तरह जुकरबर्ग ने कहा, “हमने बिल्कुल नीचे से शुरुआत की और लोगों को वे सेवाएं दी जो उन्हें कीमती लगती हैं। जैसी कि मेरी अपने देश के कानून के बारे में समझ है, वो यह नहीं कहता कि कंपनियां इसलिए खराब हैं क्योंकि वे काफी बड़ी हैं। हम यहां अमेरिकी रास्ते से पहुंचे हैं और बहुत सी बड़ी कंपनियां जो प्रतियोगिता नहीं कर पाती हैं, खत्म हो जाती हैं।”

फिलहाल अमेरिकी कांग्रेस एंटीट्रस्ट कानूनों को सिरे से बदलने के बारे में सोच रही है लेकिन इस संबंध में विधेयक दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है।