शहडोल। जिले के बुढार रोड स्थित जमुई ग्राम पंचायत ने प्रदेश में मिसाल कायम की है। यहां 18 साल से अधिक के शतप्रतिशत  लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन हो गया है। इस आदिवासी बहुल गांव में 3180 लोग निवास करते हैं। जिनमें से 18 साल से ज्यादा की उम्र के 1855 लोग हैं। जमुई में 18 साल की उम्र से ज्यादा वाले सभी लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दे दी गई है। आदिवासी इलाके के इस जमुई गांव में लोगों ने कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति भरोसा दिखाते हूए टीकाकरण करवा लिया है।  गोंड-बैगा आदिवासियों की जनसंख्या वाले इस गांव के सरपंच और उपसरपंच ने घर-घर जाकर लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति जागरुक किया। इसमें स्थानीय प्रशासन ने भी उनकी मदद की। यह उन सबकी मेहनत का ही नतीजा है कि गांव के 18 साल से अधिक के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।



दरअसल पहले ऐसा नहीं थी शहडोल जिला प्रशासन ने इलाके की ग्राम पंचायत में कई कैंप लगाए। लेकिन लोग थे कि टीका लगवाने को तैयार ही नहीं थे। इसके बाद प्रशासन ने ग्राम जमुई के सरपंच भैयालाल बैगा और उप सरपंच मीनू सिंह को समझाया। फिर उनके साथ कई सोशल वर्कर्स ने भी लोगों को   जागरुक करने की बीड़ा उठाया। सभी ने मिलकर आदिवासियों को समझाने की हर संभव कोशिश की। लोगों के घर-घर जाकर वैक्सीनेशन का फायदा बताया और टीका लगवाने के लिए तैयार किया। अब जमुई गांव की प्रदेश में मिसाल बन चुकी है। इसकी तारीफ स्वास्थ्य विभाग ने ट्वीट के जरिए की है।



 





वहीं दूसरे जिलों की ग्राम पंचायतों में कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में डर है, लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं। भोपाल जिले की चार ग्राम पंचायतों के 13 गांवों में तो पंचायत की ओर से कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वालों का हुक्का पानी बंद करने की धमकी दी गई है। लोगों से कहा गया है कि अगर वे कोरोना से सुरक्षा के लिए वैक्सीन नहीं लगवाएंगे तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।



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प्रदेश के हर जिले में टीकाकरण का काम तेजी से जारी है। अब सरकारी के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। भोपाल में सोमवार को एक दिन में सबसे ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना है। भोपाल में 42,221 लोग ने टीका लगवाया है। भोपाल में करीब 180 वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए हैं।