भोपाल। किर्गिस्तान में इन दिनों भारतीय, पाकिस्तानी व बांग्लादेशी मूल के छात्रों की हालत खराब है। भारत के हजारों स्टूडेंट्स वहां फंसे हुए हैं। स्थानीय क्रिमिनल्स द्वारा हॉस्टल में घुसकर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की जा रही है। लेकिन भारत सरकार अथवा एंबेसी में उनकी कोई मदद करने वाला नहीं है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

किर्गिस्तान में हो रही ‎हिंसा के बीच मध्य प्रदेश के 1200 से ज्यादा स्टूडेंट्स वहां फंसे‎ हैं। वे इतने डरे और ‎सहमे हुए हैं कि किसी भी तरह ‎जल्द से जल्द वतन वापसी ‎चाहते हैं। राजधानी ‎बिश्केक और आसपास के इलाकों में निवासरत इन स्टूडेंट्स को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। किर्गिस्तान के बिश्केक में रह रहे छात्रों का कहना है कि हमारी जान पर खतरा है। क्रिमिनल्स हॉस्टल में घुसकर पीट रहे हैं।

मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट किया, 'किर्गिस्तान में मध्य प्रदेश के 1200 बच्चे फंसे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकालने का भरोसा दिया है। लेकिन, राजनीतिक वादे की तरह उन्हें वापस लाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। स्टूडेंट्स का कहना है, पाकिस्तान अपने छात्रों को यहां से निकाल चुका है, परंतु भारत सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। केवल बयान और मीडिया हेडलाइंस में सरकार सक्रिय है। हकीकत में मदद जैसा कुछ नहीं है।' 

पटवारी ने आगे लिखा, 'जो बच्चे फ्लैट में रह रहे हैं, वे बाहर ही निकल नहीं पा रहे हैं। खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है। उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है, क्योंकि बाहर निकलते ही मारपीट हो रही है! लोकल लोग लड़कियों से भी मारपीट कर रहे हैं। बच्चों का कहना है पहले इंडियन स्टूडेंट्स का वापसी टिकट करीब 15-20 हजार रुपए में हो जाता था, लेकिन जब से हालात बिगड़े हैं, 50 हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट हो रहा है! यह सभी के लिए संभव नहीं है।'

पटवारी के मुताबिक बच्चों ने नाराजगी जताते हुए मीडिया से यह भी कहा है कि किर्गिस्तान से अपने स्टूडेंट्स को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने फ्री ऑफ कास्ट फ्लाइट भेजी है। लेकिन भारत की सरकार अभी तक बेफिक्र नजर आ रही है। किर्गिस्तान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने भारत सरकार, इंडियन एंबेसी और विदेश मंत्री को सोशल मीडिया पर टैग किया, गुहार भी लगाई, लेकिन कुछ रिस्पॉन्स नहीं मिला। इस स्थिति में बच्चे ज्यादा निराश और डरे हुए हैं।

पटवारी ट्वीट में लिखते हैं कि मुझे जानकारी मिली है कि बिश्केक में फ्लैट में रहने वाले बच्चों को कुछ मकान मालिक बाहर निकाल रहे हैं! जब वे बाहर जा रहे हैं, तो स्थानीय लोगों के हमले का शिकार हो रहे हैं! क्या आपको यह सब नहीं पता है? हैरान बच्चों के साथ उनके परिजन भी बहुत परेशान हैं! सभी यह उम्मीद कर रहे हैं कि संकट के गंभीर दौर में मध्यप्रदेश के साथ केंद्र सरकार भी प्राथमिकता से पहल करेगी और बच्चों की सुरक्षित वापसी के प्रयास करेगी। लेकिन भाजपा सरकार के रवैए से बहुत निराशा हो रही है। पीड़ित परिवार जानना चाहते हैं कि चुनावी रैलियों में झूठ परोस रहे प्रधानमंत्री को हमारे भूखे बच्चों की चिंता क्यों नहीं है? मुख्यमंत्री क्यों खामोश हैं?