भोपाल। सतना जिले के रैगांव विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी का 79 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। बीजेपी विधायक ने भोपाल के चिरायु अस्पताल में अंतिम सांस ली। कुछ दिनों पहले ही उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था, जिसके बाद वे कोरोना से ठीक हो गए थे। सोमवार को उन्हें हार्ट अटैक आया जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।



गौरतलब है कि रैगांव विधायक जुगल किशोर बागरी की तबीयत सतना में खराब हुई थी। जिसके बाद उन्हें सतना के बिरला अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहां उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी जिसके बाद उन्हें भोपाल के बंसल अस्पताल भर्ती किया गया था। बंसल अस्पताल से उन्हें चिरायु अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था।



बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शोक संवेदना व्यक्त की है। कमलनाथ ने अपने ट्वीट संदेश में लिखा है कि ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे और उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।





कमलनाथ ने अपने ट्वीट संदेश में लिखा है कि ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे और उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।





23 जून सन 1942 को जुगल किशोर बागरी का जन्म सतना जिले के बसुधा गांव में हुआ था। उन्होंने इंटरमीडिएट तक शिक्षा हासिल की थी। वे राजनीति के अलावा खेती के व्यवसाय से जुड़े थे। वे 1980 से बीजेपी में सक्रिय थे। जुगल किशोर बागरी विधायक बनने से पहले ग्राम पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष रहे चुके थे।



उन्होंने सहकारी बैंक के अध्यक्ष, बीजेपी कोषाध्यक्ष, कृषि उपज मंडी के सदस्य, भूमि विकास बैंक के डायरेक्टर समेत कई पदों पर  कार्य किया। वे बागरी समाज संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। वे 2003 में 12वीं विधानसभा के दौरान मुख्यमंत्री उमा भारती कार्यकाल में जलसंसाधन, पशुपालन राज्यमंत्री रहे हैं। वहीं जुगल किशोर बागरी लोक लेखा समिति के सदस्य भी रहे हैं। 1993 से लगातार चार बार बीजेपी विधायक रहे हैं। फिर 2018 में पांचवी बार बीजेपी विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए थे।



जुगल किशोर बागरी बीजेपी के टिकट पर 5 बार विधायक चुने गए थे। वे चार बार लगातार विधायक रहे थे। जबकि पांचवी बार वे एक पंचवर्षीय के अंतराल के बाद बीजेपी के टिकट पर जीते थे। पहली बार 1993 में जनता ने उन्हें चुना था, उसके बाद दूसरी बार 1998 में, तीसरी बार 2003 में चौथी बार 2008 में लगातार चौथी बार विधायक बनकर इतिहास रचा था। वहीं 2013 में उन्हें बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट दिया था।



2013 में जुगल किशोर के बड़े बेटे पुष्पराज बागरी बसपा प्रत्याशी से हार गए थे। जिसके बाद 2018 में पांचवी बार जुगल किशोर बागरी पर ही पार्टी ने भरोसा जताया, वहां से जुगल किशोर बागरी पांचवी बार विधायक चुने गए। बता दें कि कुछ दिनों पहले बीजेपी विधायक के निधन की अफवाह सोशल मीडिया पर उड़ी थी जिसके बाद कई लोगों पर सख्त कार्रवाई की गई थी।