नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का आज 140वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। कार्यक्रम में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस मौके पर कांग्रेस के लंबे इतिहास, आजादी के संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों में उसके योगदान को याद किया गया।

स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो लोग यह कहते हैं कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है, उन्हें साफ संदेश है कि पार्टी भले सत्ता में न हो, लेकिन उसकी रीढ़ सीधी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न कभी संविधान से समझौता किया, न धर्मनिरपेक्षता से और न ही लोगों के अधिकारों से।

खड़गे ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने कभी मंदिर–मस्जिद के नाम पर वोट नहीं मांगे और न ही नफरत की राजनीति की। उनके मुताबिक, बीजेपी समाज को बांटने का काम करती है, जबकि कांग्रेस जोड़ने में विश्वास रखती है। कांग्रेस ने धर्म को आस्था माना, लेकिन कुछ लोगों ने उसे राजनीति का हथियार बना लिया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आज उनके पास सत्ता है, लेकिन सच नहीं। इसी वजह से वे तथ्यों को छिपाते हैं, जनगणना नहीं कराते और संविधान बदलने की बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इतिहास पर भाषण देते हैं, उनके पूर्वज इतिहास से भागते रहे हैं। खड़गे ने साफ कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो कभी खत्म नहीं हो सकती। यह लड़ाई सत्ता के लिए नहीं, बल्कि देश की आत्मा और संविधान को बचाने की है।

खड़गे ने महात्मा गांधी का हवाला देते हुए कहा कि सत्य हमेशा जीतता है, भले ही उसके पक्ष में जनमत न हो। उन्होंने दावा किया कि आज कांग्रेस के पास सत्य भी है और जनता का समर्थन भी, जैसा कि हाल में रामलीला मैदान में देखने को मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में बीजेपी सरकार ने कानूनों में बदलाव कर अपने कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाया और मनरेगा, जंगल, जमीन जैसे मुद्दों को कमजोर किया। सरकार सच्चाई छिपाना चाहती है, इसलिए जनगणना नहीं करा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सोनिया गांधी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने लोगों के अधिकारों को मजबूत किया। सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा और भूमि अधिग्रहण कानून जैसे कदम उसी दौर में उठाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले 11 साल में कांग्रेस द्वारा खड़ी की गई संस्थाओं को कमजोर किया है और आरएसएस–बीजेपी के नेताओं ने राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और आजादी के प्रतीकों का सम्मान नहीं किया।

खड़गे ने कांग्रेस की स्थापना का जिक्र करते हुए बताया कि 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में पार्टी की नींव रखी गई थी। उन्होंने कहा कि 62 वर्षों तक कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जेलें झेलीं, संघर्ष किया और देश को आजादी दिलाई। उन्होंने महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि इन नेताओं ने एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल्यों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। आज जब संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं, कांग्रेस उसी भारत के लिए संघर्ष जारी रखेगी, जिसका सपना स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था।